अलीगढ़ जिले की तीन छात्राएं व एक छात्र सकुशल स्वदेश पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर परिजनों को देखकर उनकी आंखें नम हो गईं। दिल्ली आर्मी एयरबेस पर पिता गोपालदास को देखकर छात्रा खुशी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए, जबकि घर पहुंचीं छात्रा अनन्या ने वहां के हालात का जिक्र करते हुए बताया कि रोमानिया सीमा तक पहुंचने के लिए उनको 15 किमी तक पैदल चलना पड़ा। इस दूरी को तय करने में करीब 12-13 घंटे लगे। इनके अलावा, रामबाग कॉलोनी के भाजपा नेता की बेटी उर्वशी राजपूत और गोकुलेशपुरम के मोहन सिंह की भी वतन वापसी हो गई है। इधर, यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे प्रशांत राजपूत से एक हफ्ते से परिवार का संपर्क नहीं हो पा रहा है।
तालानगरी निवासी गोपाल दास की बेटी खुशी यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई थीं। इसी बीच यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध छिड़ गया। वहां बेटी के फंसने पर पिता चिंतित हो गए। हालांकि, वह लगातार खुशी के संपर्क में रहे। बृहस्पतिवार को वायुसेना के सी-17 विमान से खुशी दिल्ली पहुंचीं। जब बेटी-पिता एक-दूसरे के सामने आए तो आंखों में आंसू आ गए। खुशी अपने पिता से लिपट गई, उसका गला रुंधा था और आंखें नम थीं। खुशी ने बताया कि रोमानिया एयरपोर्ट पर भारतीय दूतावास की तरफ से स्वागत किया गया। यूक्रेन में तमाम दिक्कतें थीं, लेकिन रोमानिया एयरपोर्ट पर खाने-पीने की सारी व्यवस्थाएं थीं। वह प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देती हैं, जिनकी वजह से अपने घर पर पहुंच सकीं। पिता गोपालदास ने भी प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।
बन्नादेवी थाना क्षेत्र स्थित आईटीआई रोड निवासी अनन्या अग्रवाल ने बताया कि वह जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थीं, वह सबसे सुरक्षित जगह थी। भारतीय विद्यार्थियों के लिए वहां अलग से शिविर लगाया गया था। सबकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा था। उन्होंने कहा कि उनका शिविर रोमानिया सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर था। 26 फरवरी को करीब 6 बजे सीमा तक पहुंचने के लिए उन्हें 15 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा, जिसमें 12 से 13 घंटे लगे।
इसके बाद बस से उन्हें सीमा पर लाया गया। 27 फरवरी को वह भारत की फ्लाइट में सवार हुईं। 28 फरवरी को भारत की धरती पर कदम रखा। यहां उनके पिता रवि अग्रवाल मौजूद थे। पिता को देख कर वह उनके गले लगकर रोने लगीं। अलीगढ़ लौटने के बाद उनके आवास पर आकर भाजपाइयों ने उन्हें बधाई दी। उधर, यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे प्रशांत राजपूत से एक हफ्ते से परिवार का संपर्क नहीं हो पा रहा है। उससे न तो फोन पर बात हो रही है और न ही व्हाट्सएप पर मैसेज का कोई जवाब मिल रहा है। उनके परिजनों ने डीएम अलीगढ़ से उन्हें सकुशल वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
इसके अलावा, यूक्रेन से निकलकर रोमानिया के बुखारेस्ट एयरपोर्ट स्थित राहत शिविर में ठहरीं रामबाग की उर्वशी राजपूत की भी भारत वापसी हो गई है। उर्वशी को लेने के लिए भाजपा नेता पिता भानु प्रताप, मां सुशील, भाजपा जिला उपाध्यक्ष गौरव शर्मा आदि दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। उर्वशी परिवार को देखते ही माता-पिता से लिपट गईं। बेटी को देखकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। देर रात वे लोग वापस घर के लिए चल दिए थे। इधर, गोकुलेशपुरम के मोहन सिंह उर्फ मोनू सकुशल घर वापस आ गए हैं। इसे लेकर जाट महासभा ने खुशी जाहिर की है। उनके पिता एसबीआई में हैं।