देहरादून. उत्तराखंड में चुनाव से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक टूटने जा रहा है कि कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आती. इस बार भाजपा यह रिकॉर्ड तोड़कर दोबारा सरकार बनाने के करीब है, लेकिन बड़ा संकट यह है कि पार्टी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा और वह पहले राउंड की मतगणना के बाद से ही लगातार वोटों की गिनती में पिछड़ते हुए आखिरकार चुनाव हार गए. यही नहीं, उत्तराखंड में यह अनोखा चुनाव हो गया है क्योंकि कांग्रेस के चुनाव अभियान के प्रमुख रहे हरीश रावत अपना चुनाव हार चुके हैं और आम आदमी के पोस्टर बॉय अजय कोठियाल भी वोटों की गिनती में पहले दो स्थानों पर नहीं हैं.
गुरुवार दोपहर 3.30 बजे की स्थिति देखें तो सीएम धामी अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा में वोटों की गिनती में 6500 से ज़्यादा वोटों से पीछे चल रहे थे और बड़ी खबर आई कि धामी चुनाव हार गए. कांग्रेस प्रत्याशी भुवनचंद कापड़ी यहां से जीत गए हैं. भाजपा ने उत्तराखंड के 5 साल के कार्यकाल के दौरान तीन मुख्यमंत्री दिए और तीसरे सीएम धामी थे, जिनके चेहरे को चुनाव प्रचार अभियान में पोस्टरों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ धामी को ही जगह दी गई. मोदी समेत भाजपा के तमाम नेताओं ने प्रचार के मंचों से धामी को ही अगले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया. अब वह चुनाव हार गए हैं, तो बीजेपी के सामने बड़ा संकट पेश है.
भाजपा की रणनीति क्या होगी?
कुछ ही देर पहले चुनाव नतीजों के रुझानों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि पुष्कर सिंह धामी ‘धाकड़ बल्लेबाज़’ साबित हुए, लेकिन उनका चुनाव हार जाना अब पार्टी के लिए संकट हो गया है. त्रिवेंद्र सिंह का कहना है कि पार्टी की प्रक्रिया है, जिसके तहत सीएम का चयन किया जाता है. उन्होंने कहा कि विधानमंडल अपना नेता चुनेगा और उसके बाद पार्टी हाईकमान सीएम के नाम पर मुहर लगाएगा. यह बात उन्होंने रुझानों के शुरुआती दौर में कही थी.
कांग्रेस के लिए बड़ा संकट
इधर, कुमाउं की लालकुआं सीट से इस बार चुनाव मैदान में उतरे हरीश रावत को भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने चुनाव हरा दिया है. हरीश रावत कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस बार कांग्रेस के जीतने की स्थिति में सीएम पद पर उनकी दावेदारी सबसे मज़बूत मानी जा रही थी. कांग्रेस मतगणना के रुझानों के मुताबिक इस बार करीब 20 सीटें हासिल करती दिख रही है और ऐसे में हरीश रावत का हार जाना पार्टी के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
आप पर लगा सवालिया निशान
वहीं, आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड के चुनाव प्रचार के दौरान रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को सीएम चेहरा घोषित किया, लेकिन उनका जीतना भी मुश्किल नज़र आ रहा है. गंगोत्री सीट से प्रत्याशी कोठियाल रेस में नज़र नहीं आ रहे. यहां पहले नंबर पर भाजपा के सुरेश चौहान हैं, जो कांग्रेस प्रत्याशी विजयपाल सजवाण से 6000 से ज़्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं. आम आदमी पार्टी किसी भी सीट पर नहीं जीतती है, तो उसे कई सवालों के जवाब देने होंगे क्योंकि पार्टी ने उत्तराखंड में बड़ी घोषणाओं और रैलियों के दम पर हुंकार भरी थी.