बिजनौर में विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट डॉ. विजय कुमार ने चंद्रमोहन हत्याकांड में मृतक की पत्नी ज्योति व सास काजल को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता अजीत पंवार के अनुसार रविदत्त ने थाना धामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके पुत्र चंद्रमोहन की शादी वर्ष 2008 में ज्योति पुत्री कैलाश निवासी मोहल्ला पांडु का कुंआ, जसपुर, जिला उधम सिंह नगर के साथ हुई थी। चंद्रमोहन अपनी पत्नी के साथ अलग मकान में रहता था। उसकी पत्नी ज्योति आए दिन उससे झगड़ा करती रहती थी। उसकी सास काजल भी बार-बार आकर झगड़ा कराती थी और मारने की धमकी देती थी।

बताया गया कि 29 मार्च 2015 को चंद्रमोहन की सास काजल आई हुई थी। चंद्रमोहन की पत्नी ज्योति और सास काजल उससे लगातार झगड़ा कर रही थी। कई बार समझाने का प्रयास किया गया। इस बात का इन पर कोई असर नहीं पड़ा।

31 मार्च 2015 को जब वह अपने बेटे के घर गया तो देखा कि बेटा कमरे में पलंग पर मरा पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसके बेटे की हत्या पत्नी ज्योति और सास काजल ने मिलकर की है। हत्या कर दोनों घर से भाग गईं। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने चंद्रमोहन के शव का पोस्टमार्टम कराया।

वहीं विवेचना के बाद पुलिस ने पाया कि ज्योति व काजल ने रस्सी से गला घोंटकर चंद्रमोहन की हत्या की है। इन दोनों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत ने इस मामले में ज्योति और काजल को चंद्रमोहन की हत्या का दोषी पाते हुए धारा 302/34 आईपीसी के तहत सजा सुनाई है।