नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खेती, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कई ऐलान किए हैं। वहीं मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अब 12 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। इस बजट में इनकम टैक्स को लेकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। आम बजट में ऐलान किया गया है कि 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नए टैक्स रिजीम के तहत इसकी छूट दी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि अब देश के एक करोड़ और लोग ऐसे हो जाएंगे को कोई इनकम टैक्स नहीं देंगे। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने डेयरी और फिशरी फार्मर्स के लोन की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। एमएसएमई सेक्टर का क्रेडिट कवर बढ़ाने का भी ऐलान किया गया है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को टैक्स की छूट की सीमा दोगुनी कर दी जाएगी। वहीं विपक्षी दलों ने बजट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा लगता है यह देश का नहीं बल्कि केवल बिहार का बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वित्त बजट की तारीफ करते हुए इसे विकसित भारत के लक्ष्य को ड्राइव करने वाला बजट बताया। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस बजट पर सवाल खड़े किए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब चार साल तक अपडेटेड आईटीआर भरा जा सकेगा। इसके अलावा टीडीएस पर टैक्स छूट की सीमा 10 लाख होगी। इससे पहले 23 जुलाई को मोदी सरकार का बजट पेश किया गया था। आज बजट पेश होने की वजह से शनिवार को भी शेयर बाजार खुला हुआ है। आम बजट से संबंधित अपडेट्स के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में घोषणा की कि उच्चतम न्यायालय को अपने भवन के विस्तार के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 123.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में, केंद्रीय बजट ने विस्तार परियोजना के लिए 46.63 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे। बजट भाषण के इससे संबंधित हिस्से में लिखा है, ‘‘उच्चतम न्यायालय भवन का विस्तार: यह प्रावधान उच्चतम न्यायालय भवन के केंद्रीय क्षेत्र परियोजना विस्तार के कार्यान्वयन के लिए है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार के पास कोई नया विचार नहीं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 1991 तथा 2004 की तरह आर्थिक सुधार करना नहीं चाहतीं हैं। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि इस बजट में सिर्फ मध्य वर्ग व बिहार के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास हुआ है और शेष भारत को सिर्फ सांत्वना दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट में नयी कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय को कर के दायरे से मुक्त रखा गया है। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, “बजट से यह स्पष्ट है कि भाजपा करदाता मध्य वर्ग और बिहार के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रही है। ” उन्होंने कहा, “इन घोषणाओं का स्वागत मध्य वर्ग के 3.2 करोड़ करदाता और बिहार के 7.65 करोड़ मतदाता करेंगे। बाकी भारत के लिए वित्त मंत्री के पास केवल सांत्वना भरे शब्द थे। ”
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि आम बजट 2025-26 से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भाजपा ने मध्यम वर्गीय करदाताओं और बिहार के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण घिसे-पिटे रास्ते पर चल रही हैं, और वह इससे बाहर आने के लिए तैयार नहीं हैं, जैसा कि हमने 1991 और 2004 में किया था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कई नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा की गई है; इनमें से कई इस सरकार की क्षमता से बाहर हैं।
केंद्रीय बजट 2025 पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज का बजट मध्यम वर्ग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बजट है, 12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ये बहुत ही बड़ी सौगात है। इससे हमारे मध्यम वर्गीय परिवारों के हाथ में पैसे ज्यादा बचेंगे। जिससे परिवार के लिए बेहतर सुविधाएं ले सकेंगे… मध्यमवर्गीय परिवारों में जो तमन्ना रहती है वो पूरी कर सकेंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें लगातार आठवीं बार बजट पेश करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।
सरकार ने बजट में आयकर दरों में बदलाव के माध्यम से लोगों की जेबों में धन पहुंचाया है, कर छूट सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख किये जाने से एक करोड़ लोगों को कर नहीं देना होगा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। वित्त मंत्री ने कहा, अगले सप्ताह पेश किया जाने वाला नया आयकर विधेयक स्थायी समिति को भेजा जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “…एक बात जो मैं निश्चित रूप से उजागर करना चाहूंगी, वह है लोगों की आवाज पर प्रतिक्रिया देना, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रशासन में जाने जाते हैं। यह एक बहुत ही उत्तरदायी सरकार है और इसके परिणामस्वरूप, आयकर सरलीकरण जिसकी मैंने जुलाई में घोषणा की थी, वह पहले ही पूरा हो चुका है और हम अगले सप्ताह विधेयक लाएंगे… इसलिए यदि हम कराधान सहित सुधार की बात कर रहे हैं, तो काम पूरा हो चुका है। यह बजट युक्तिकरण और सीमा शुल्क के बारे में भी बात करता है। टैरिफ को कम किया जा रहा है, टैरिफ को सरल बनाया जा रहा है…”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय बजट 2025 पर कहा, “… इस बजट में मध्यम वर्ग, किसान, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक समेत सभी लोगों को शामिल किया गया है… MSME के माध्यम से लघु उद्योगों में वृद्धि होगी और रोज़गार भी बढ़ेगा… हमारी केंद्र सरकार सामान्य नागरिकों की सरकार है… इस बजट से देश आगे बढ़ेगा और देश की प्रगति होगी।”
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “यह मध्यम वर्ग के लिए प्रगतिशील और विकासोन्मुखी बजट है। यह मध्यम और गरीब वर्ग दोनों के लिए है। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को और ऊंचाई पर ले जा सकता है… मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का धन्यवाद देता हूं।”
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बजट 2025 पर कहा, “… अगर देश को 2047 तक विकसित देश बनाना है, तो हमें कम से कम 9-10% वार्षिक विकास दर हासिल करना पड़ेगा… यह बड़े सुधार करने का एक मौका था… बीमा कंपनियों में विदेशी कंपनियों को आने की पूरी तरह से छूट दी गई है। यह खतरे से खाली नहीं है… मुझे उम्मीद थी कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं होंगी लेकिन उन पर कोई बात नहीं हुई…”
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आम बजट पेश किया है। वित्तमंत्री की इसी सिलसिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। इसमें वित्त मंत्री के नई कर व्यवस्था पर सवालों के जवाब देने की संभावना है।
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय बजट 2025-26 में राज्य के लिए कुछ भी नहीं है। उसने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में राज्य और इसके लोगों को ‘पूरी तरह से नजरअंदाज’ किया गया है।
झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा,‘‘बजट में झारखंड के लिए कुछ भी प्रस्तावित नहीं किया गया है। पड़ोसी राज्य बिहार को कई परियोजनाएं दी गयी हैं, लेकिन झारखंड और उसके लोगों की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है।’’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने केंद्रीय बजट को मध्यम वर्ग के लिए ‘‘ड्रीम बजट’’ बताते हुए शनिवार को कहा कि इससे विकास और समावेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद यहां पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने के फैसले की सराहना की।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आम बजट 2025-26 पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बजट गोली के घाव पर बैंड एड लगाने जैसा है। विश्व स्तर पर जारी अनिश्चितता के बीच देश की जनता को एक बड़े आर्थिक बदलाव की जरूरत थी, लेकिन सरकार के पास विचारों के मामले में कुछ है ही नहीं।
तेलंगाना में विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रदेश से भाजपा और कांग्रेस के आठ-आठ सांसद होने के बावजूद इसे केंद्रीय बजट में कोई निधि नहीं मिली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को आम नागरिकों को समर्पित बताते हुए कहा कि इस बजट से किसानों, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों सहित हर वर्ग की आकांक्षाएं पूरी होंगी और देश की विकास यात्रा भी तेज होगी।
श्री मोदी ने आम बजट 2025-26 पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “आज भारत के विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। ये 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं का बजट है, ये हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है।”
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का आम बजट घोषित किया। वित्तबर्ष 2025-26 के लिए जारी इस बजट में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई के लिए 1,071.05 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। यह रकम पिछले बजट की तुलना में 84.12 करोड़ रुपए ज्यादा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 के अनुसार, देश-विदेश में सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और बुनियादी ढांचे से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण के सिलसिले में अगले वित्त वर्ष के लिए कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं।
प्रशासनिक सुधारों के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। यह प्रावधान सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण, प्रशासनिक सुधारों से जुड़ीं पायलट परियोजनाओं के लिए है, जिसमें ई-गवर्नेंस, सुशासन को बढ़ावा देना और जन शिकायतों के निवारण के लिए व्यापक प्रणाली शामिल है।
सैलजा ने कहा, “बजट में मनरेगा के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। वित्त मंत्री के भाषण में सिर्फ बिहार तथा दिल्ली ही छाया रहा। दिल्ली विधानसभा के चुनाव पांच फरवरी को होने हैं इसलिए इन चुनावों के कारण दिल्ली पर जोर दिया गया। बिहार में चुनाव होने वाले हैं इसलिए बजट में बिहार ही छाया रहा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिया गया है जिसकी वे लंबे समय से मांग कर रहे हैं।”
राज्यसभा में शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 की प्रति और संबंधित कागजात को उच्च सदन के पटल पर रखा तथा उसके बाद बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले लोकसभा में वित्त मंत्री सीतारमण ने 2025-26 का आम बजट पेश किया। उच्च सदन की बैठक आज अपराह्न एक बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई। वित्त मंत्री सीतारमण ने आम बजट 2025-26 तथा राजकोषीय नीति विवरण 2025-26 की प्रति सदन के पटल पर रखी। इससे पूर्व, उपसभापति हरिवंश ने सदन के मनोनीत सदस्य के वी विजेंद्र प्रसाद, निर्दलीय सदस्य अजित कुमार भुइयां, वाईएसआर कांग्रेस के परिमल नाथवानी और आम आदमी पार्टी के संत बलवीर सिंह को जन्मदिन की बधाई दी। प्रसाद, भुइयां, नाथवानी और सिंह का जन्मदिन रविवार को है। वित्त मंत्री के बजट की प्रति सदन में रखे जाने के बाद उपसभापति ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के क़र्ज़े माफ़ करने में चला जाता है। मैंने माँग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के क़र्ज़ माफ़ नहीं किए जाएंगे। इस से बचने वाले पैसे से मिडिल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए; किसानों के कर्ज़े माफ़ किए जाएं। इनकम टैक्स और GST की टैक्स दरें आधी की जाएं। मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया।
वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में बाजार से 11.54 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं शुद्ध कर प्राप्ति 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। उधारी को छोड़कर कुल प्राप्तियां 34.96 लाख रुपये रहने का अनुमान है। इसके साथ, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पूंजीगत व्यय 10.18 लाख करोड़ रुपये है। उधारी के अलावा कुल प्राप्ति का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि जिन लोगों की सैलरी है उन्हें तो छूट मिलेगी लेकिन रोजगारों का क्या। जिनकी सैलरी ही नहीं वे क्याकरेंगे। रोजगार के मोर्चे पर कोई ऐलान नहीं किया गया। जब तक रोजगार के लिए निवेश नहीं किया जाता तब तक अर्थव्यवस्था को फायदा नहीं होने वाला है।
बजट घोषणाओं को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को तोहफा मिला है, लेकिन सवाल उठता है कि राजग के दूसरे स्तंभ आंध्र प्रदेश की ‘‘बुरी तरह’’ अनेदखी क्यों की गई? वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में बिहार पर काफी ध्यान दिया गया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के लिए कई घोषणाएं कीं, जिनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता बढ़ाने के लिए समर्थन शामिल है। लोकसभा में अपना रिकॉर्ड आठवां केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करेगा तथा राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए वहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा भी देगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है।
अगर आप 16 लाख के माफ कर्जे की वसूली करेंगे तो टैक्स की दरें आधी की जा सकती हैं। लेकिन बजट में इस तरह का कोई ऐलान नहीं किया गया। जो पूंजी पति हैं, प्रधानमंत्री के दोस्त हैं उनका लाखों करोड़ का कर्जा माफ किया गया हैः
अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर ने कहा कि दुख है कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है। इसमें केवल बिहार बिहार हो रहा था। जहां भी चुनाव होते हैं वहां का नाम लिया जाता है। पंजाब में किसान लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका तो नाम ही नहीं लिया गया।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह भारत सरकार का बजट है या फिर बिहार सरकार का बजट है। आपने बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम सुना । जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें सभी राज्यों की बात होनी चाहिए। जिन बैसाखियों पर सरकार चल रही है उनको बचाने के लिए पूरे मुल्क को दांव पर लगा दिया गया।
बिहार के मंत्री मंगल पांडेय ने मखाना बोर्ड बनाए जाने पर कहा, मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं कि लाखों किसानों के बारे में विचार किया गया। किसान लंबे समय से मखाना बोर्ड की मांग कर रहे थे। वे भी चाहते थे कि रबर बोर्ड और टी बोर्ड की तरह मखाना बोर्ड हो। जब कृषि मंत्री पटना आए थे तो उनसे भी यह बात कही गई थी।
शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मिडल क्लास की बड़ी जीत है। जिस तरीके से पिछले 10 साल से मिडल क्लास यही मांग कर रहा था। आज उनकी सुनवाई हुई है। बिहार सोच रहा होगा कि काश हर साल चुनाव हो। बिहार में चुनाव आरहा है। आम आदमी के बजट से इसका पता चलता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज-मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025-26 को पेश करते हुए कहा कि 2021 में घोषित पहली परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना की कामयाबी के बाद 2025-30 की अवधि के लिए दूसरी योजना शुरू की जाएगी। इसमें नई ढांचागत परियोजनाओं पर 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगाई जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना का समर्थन करने के लिए नियामकीय एवं राजकोषीय कदमों को दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रत्येक मंत्रालय इन परियोजनाओं को तीन साल की अवधि में लागू करने का प्रस्ताव लेकर आएगा। इन परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये लागू किया जा सकता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आम बजट को विकसित और हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट करार दिया है। शाह ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शनिवार को लोकसभा में पेश आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा , “ बजट-2025 विकसित और हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की दिशा में मोदी सरकार की दूरदर्शिता का ब्लूप्रिंट है। किसान, गरीब, मध्यम वर्ग, महिला और बच्चों की शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य से लेकर स्टार्ट अप , नवाचार और निवेश तक, हर क्षेत्र को समाहित करता यह बजट मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप है।”
कांग्रेस ने केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री द्वारा विकास के चार इंजनों की बात कहे जाने को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि इतने इंजन हो गए कि बजट पूरी तरह पटरी से ही उतर गया। सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा कि कृषि, एमएसएमई (सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग), निवेश और निर्यात, विकास के चार शक्तिशाली इंजन हैं। कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “वित्त मंत्री ने चार इंजनों की बात की- कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात। इतने सारे इंजन हैं कि बजट पूरी तरह से पटरी से ही उतर गया है।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढ़ांचे का विस्तार होगा और अगले तीन वर्ष में सभी जिलों के कैंसर देखभाल केंद्र खोले जाएंगे। सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अगले तीन साल में देश के सभी जिलों में कैंसर देखभाल केंद्र शुरु किये जाएंगे। इनमें से 200 केंद्र वित्त वर्ष 2025-26 में शुरु हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिग कामगारों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा सुविधा दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के आधारभूत ढ़ांचे का विस्तार करने का फैसला भी किया है। अगले दस वर्ष में चिकित्सा शिक्षा के अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट (पैरा स्नातक) की लगभग 1.1 लाख सीटें बढ़ेंगीं। इसमें 130 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार अगले सप्ताह एक नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जिसमें ‘‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’’ की अवधारणा को आगे बढ़ाया जाएगा। एक अन्य प्रमुख कदम के तहत वित्त मंत्री ने घोषणा की कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए कई सुधारों को लागू किया है, जिसमें ‘फेसलेस’ मूल्यांकन भी शामिल है।
सीतारमण ने सरकार द्वारा करदाताओं के लिए ‘चार्टर’ लाने, ‘रिटर्न’ प्रक्रिया में तेजी लाने और करीब 99 प्रतिशत आयकर ‘रिटर्न’ स्व-मूल्यांकन पर आधारित होने का भी उल्लेख किया।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आयातकों, निर्यातकों के लिए माल की निकासी के बाद स्वैच्छिक रूप से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा करने के लिए एक नए प्रावधान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अस्थायी मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए दो वर्ष की समयसीमा निर्धारित की गई है, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि जिला कार्यक्रम के विकास के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिले शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार मछली ‘पेस्टुरिया’ पर मूल सीमा शुल्क को 30 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करेगी।
नए आयकर ढांचे में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर शून्य, मानक कटौती (75 हजार रुपये) को मिलाने पर मध्यवर्ग को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घोषणा की कि सरकार पांच IIT में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा का निर्माण करेगी और बिहार की राजधानी पटना स्थित आईआईटी का विस्तार करेगी। सीतारमण ने कहा कि सरकार स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने के लिए ‘भारतीय भाषा पुस्तक’ योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में 23 आईआईटी में छात्रों की कुल संख्या 65,000 से 1.35 लाख तक 100 प्रतिशत बढ़ी है। 2014 के बाद शुरू किए गए पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा ताकि 6,500 और छात्रों को शिक्षा मिल सके। आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।’’ आईआईटी पटना के विस्तार की घोषणा इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई है। वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
अब तक 3 लाख से 6 लाख वार्षिक आमदनी पर 5 फीसदी 6 से 9 लाख पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख पर 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा पर 30 फीसदी का टैक्स देना पड़ता था। ऐसे में 25 फीसदी का टै्कस स्लैब बढ़ाए जाने पर 24 लाख तक इनकम वाले लोगों को भी राहत मिली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के अनुरूप मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किये जाने की घोषणा की। यह छूट नई आयकर व्यवस्था में दी गई है।
मानक कटौती 75,000 रुपये के साथ नौकरीपेशा लोगों को अब 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मध्यम वर्ग के लोगों के पास खपत के लिए अधिक पैसे बचेंगे। साथ ही निवेश और बचत भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने इसके साथ अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव किया। इसके तहत, अब चार लाख रुपये सालाना आय पर कोई कर नहीं लगेगा। चार से आठ लाख रुपये पर पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 12 लाख से 16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत तथा 24 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आसान ऋण पहुंच के लिए निर्दिष्ट लक्ष्य के साथ निर्यात संवर्धन मिशन शुरू करेगी। सीतारमण ने कहा कि केंद्र उभरते मझोले (टियर-2) शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित करेगा।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ अर्थव्यवस्था के एकीकरण को मजबूत करने के लिए उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू विनिर्माण क्षमता के लिए समर्थन प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, भारत ट्रेड नेट स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की।