बिजनौर । उत्तर प्रदेश के बिजनाैर निवासी जुनैद की लकड़ी की साइकिल और लकड़ी की बाइक को जिसने भी देखा वहीं हैरान रह गया। जुनैद ने लकड़ी से बुलट को माॅडिफाई किया है।

बिजनौर जनपद में जन्मे प्रसिद्ध कवि, गजलकार दुष्यंत कुमार की पंक्ति… कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारो। को जिले के दो युवा चरितार्थ कर रहे हैं। गांव धींवरपुरा निवासी जुनैद सैफी ने लकड़ी साइकिल बनाई और एक लकड़ी से बाइक को मॉडिफाई किया। यहीं नहीं बाइक के लिए उसने लकड़ी का हेलमेट बनाया। गांव सिरधनी निवासी अली कुमैल ने बैटरी से संचालित ट्रैक्टर बनाया।

जलीलपुर क्षेत्र के गांव धींवरपुरा निवासी युवा जुनैद सैफी मोबाइल इंटरनेट केे माध्यम से लकड़ी का प्रयोग कर साइकिल बनाई। उसका सिलसिला यहीं नहीं रुका है। उसने एक पुरानी बाइक को लकड़ी से मॉडिफाई किया। जुनैद लकड़ी सजावट के दूसरे आइटम भी बना रहा है।

काष्ठकला का काम उनके यहां होता है, तो उसे उसमें नयापन करने का साहस किया। लॉकडाउन के दौरान काम के आर्डर मिलने कम हुए, तो उसनेे नवाचार करने की ठानी। साइकिल में टायर रबड़ के ही है और बाइक में इंजन तेल वाला ही है।

ग्राम सिरधनी निवासी युवा अली कुमैल ने बैटरी से संचालित ट्रैक्टर बनाया। ये ट्रैक्टर बनाने में उसने पुराने सामान का ज्यादा प्रयोग किया। बताया कि बाजार से छोटे पहिये खरीदे, ई-रिक्शा का धुरा लगाया। इस ट्रैक्टर का स्टेरिंग राॅड के साथ बाइक की चैन से बनाया। करीब पचास हजार रुपये में बैटरी संचालित ट्रैक्टर बनाया है।

अली कुमैल का ट्रैक्टर कलक्ट्रेट में बुलवाकर डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने चलवाकर देखा था। उन्होंने युवा के उसके संबंध में जानकारी की और सराहना करते जिला उद्योग विभाग व इंजीनियरिंग कॉलेज को मदद करने के सहयोग दिया।

जुनैद सैफी की लकड़ी से साइकिल, एक बाइक को मॉडिफाई किया। इसके अलावा भी उसने लकड़ी की चेन वाली बड़ी घड़ी, गिटार आदि सामान भी बनाया। उसे आर्डर दिलाने के लिए मदद की जा रही है। -अमित कुमार, उपायुक्त उद्योग