नई दिल्ली. जब भी किसी को कोई बीमारी होती है तो उसे शरीर में कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं. इन लक्षणों से वह समझ जाता है कि कुछ तो गड़बड़ी है. इसके बाद वह लक्षण के आधार पर उस बीमारी का इलाज करता है. कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिनके लक्षण जल्दी समझ नहीं आते या फिर काफी समय बाद लक्षण नजर आते हैं. डायबिटीज भी ऐसी ही एक बीमारी है जिसके लक्षण इतनी जल्दी नजर नहीं आते.
डायबिटीज के कारण किडनी की भी समस्या हो सकती है जिसे डायबिटिक किडनी डिसीज कहते हैं. डायबिटीज वाले हर 3 में से लगभग 1 वयस्क को किडनी की बीमारी होती है. डायबिटिक किडनी डिसीज तब होती है जब किडनी के फिल्टर (ग्लोमेरुली) डैमेज हो जाते हैं और किडनी खून से यूरिन में असामान्य मात्रा में प्रोटीन रिलीज करने लगती है.
यह स्थिति शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है. अगर इलाज ना किया जाए तो किडनी भी फेल हो सकती है. हालांकि डायबिटीज के लक्षण शुरुआत में इतने खतरनाक नहीं होते लेकिन समय के साथ ये गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं. अगर डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है तो इसके लक्षण चेहरे पर भी नजर आ सकते हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटिक किडनी डिसीज के लक्षण आंखों के आसपास भी नजर आ सकते हैं. अगर किसी को डायबिटीज की बीमारी बढ़ जाती है तो आंखों के आसपास सूजन आ जाती है. इसका सीधा मतलब यह हो सकता है कि डायबिटीज के कारण किडनी पर भी असर हो रहा है और डायबिटिक किडनी की बीमारी की शुरुआत हो चुकी है. इसके अलावा डायबिटिक किडनी डिसीज के ये भी लक्षण हो सकते हैं:
– सोचने में कठिनाई
– भूख ना लगना
– वजन घटना
– सूखी, खुजली वाली त्वचा
– मांसपेशियों में ऐंठन
– पैरों-टखनों में सूजन
– बार-बार यूरिन आना
– यूरिन का पीला होना
– बार-बार बीमार होना
अगर किसी को ऊपर बताए लक्षण नजर आते हैं तो किसी भी व्यक्ति को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए. जैसे-जैसे किडनी का काम प्रभावित होता जाएगा, वैसे-वैसे अन्य समस्याएं भी होती जाएंगी. वहीं अगर एक बार किडनी का खराब होना शुरू हो गया तो काफी गंभीर स्थिति हो सकती है.
टाइप वन डायबिटीज के रोगियों में टाइप टू डायबिटीज वाले रोगियों की तुलना में किडनी से संबंधित बीमारियों की संभावना अधिक होती है. टाइप वन डायबिटीज वाले लोगों में डायबिटिक किडनी डिसीज काफी आम है लेकिन टाइप टू डायबिटीज वाले लोगों में भी ये समस्या अधिक देखी जाती है. डायबिटिक किडनी डिसीज किडनी फेल होने का मुख्य कारण हो सकता है. जो लोग डायलिसिस पर होते हैं, उनमें से हर पांच में एक व्यक्ति को डायबिटिक किडनी डिसीज होती है.