नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए मतदान का प्रचार आज शाम समाप्त हो गया। उत्तराखंड की 5 व पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन केंद्र के कई नेताओं ने रोड़ शो व रैलियों के माध्यम से अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदाताओं को रिझाने के लिए पूरी ताकत झौंक दी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाली सहारनपुर सीट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड़ शो के माध्यम से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के लिए प्रचार किया। सहारनपुर सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है। इसके अलावा इस लोक सभा क्षेत्र में दलित आबादी भी काफी संख्या में है। पिछले चुनाव में यहां बसपा के प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने एक नजदीकी मुकाबले में भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा को बेहद नजदीकी अंतर से हरा दिया था। बसपा को यहां मुस्लिम व दलित वोटरों ने लगभग एक तरफा मतदान किया था।
मगर इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं। इस बार टक्कर कांग्रेस के इमरान मसूद व भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा के बीच है। सहारनपुर लोक सभा क्षेत्र में गुर्जर व राजपूत वोटरों की तादाद भी काफी है। इस सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर हो सकता है।
वहीं, साथ लगती मुजफ्फरनगर सीट पर दो जाटों के बीच सीधा मुकाबला है। यहां भाजपा के पूर्व कृषि मंत्री संजीव बालीयान व एक अन्य जाट नेता हरेंद्र मलिक के बीच रोचक व नजदीकी मुकाबला है। इस सीट पर जाटों के अलावा राजपूत व मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। भाजपा के लिए इस दफा सबसे बड़ी चिंता भाजपा के फायरब्रांड नेता रहे संगीत सौम व भाजपा उम्मीदवार बालीयान के मध्य विधानसभा चुनाव से ही खटपट चल रही है। संगीत सौम कई बार संजीव बालीयान के खिलाफ बयान दे चुके हैं। गौरतलब है कि बालीयान इस सीट पर लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं। मगर राजपूत बिरादरी के इस दफा भाजपा के खिलाफ है। संगीत सौम इस एरिया के सबसे बड़े राजपूत नेता हैं।
वहीं, इंडिया उम्मीदवार हरेंद्र मलिक को जाटों के अलावा मुस्लिम वोटों के साथ-साथ राजपूतों के समर्थन के चलते इस सीट पर अप्रत्याशित परिणाम आने की संभावना है। संजीव बालीयान के खिलाफ सबसे खराब बात उनके व्यवहार को लेकर है। दो चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने यहां विकास तो करवाया, मगर लोक व्यवहार खराब होने के चलते उन्हें इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।
वहीं, पलायन के लिए मशहूर रहे कैराना लोकसभा सीट पर इंडिया की उम्मीदवार इकरा हसन ने भाजपा उम्मीदवार प्रदीप चौधरी को तगड़ी चुनौती दे रखी है। इकरा हसन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर आई हैं। मुस्लिम मतदाताओं के अलावा इस सीट पर गुर्जर समुदाय के वोटर सबसे अधिक संख्या में है। ऐसे में इस सीट पर जाट व राजपूत मतदाता जीतने वाले प्रत्याशी का भाग्य तय करेंगे। भाजपा के प्रदीप चौधरी को इस बार यहां युवा वोटरों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा पढ़ी-लिखी होने के कारण इकरा चुनावी सभाओं में किसी के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बच रही हैं। वह सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही हैं। उनके पिता यहां बरसों राजनीति करते रहे।
कुल मिलाकर कैराना भी पश्चिमी यूपी की सबसे हाॅट सीट है। जहां के परिणाम पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव में बिजनौर, नगीना, रामपुर, मुरादाबाद व पीलीभीत में आज चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। इन सीटों पर भी भाजपा व इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच तगड़ा मुकाबला है।
वहीं, उत्तराखंड के पांच लोकसभा क्षेत्रों में भी आज चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। उत्तराखंड के चुनाव इस बार सबसे अधिक सुर्खियां बटोर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में लोगों की इतनी सहभागिता इससे पहले कभी दिखाई नहीं दी। यहां पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल व अल्मोड़ा में भाजपा व कांग्रेस के मध्य सीधी टक्कर है। वहीं, टिहरी सीट पर भाजपा को कांग्रेस से अधिक निर्दलीय प्रत्याशी की चुनौती मिल रही है।
उत्तराखंड के चुनाव को लेकर दिल्ली के अलावा विदेशों में भी लोग इस रोचक घमासान पर नजरें गड़ाए हैं। ऊंट किस करवट बैठेगा, ये तो समय के गर्भ में है, मगर चुनाव प्रचार में स्थानीय नेताओं के अलावा राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस दफा खूब पसीना बहाया है।