नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में ऐसी बहुत सी बातों का जिक्र किया गया है, जो दुर्भाग्य को न्यौता देती हैं. कई बार पूरी मेहनत के साथ किए काम में भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिल पाती. ऐसे में इसे व्यक्ति का बैड लक ही कहा जाता है. कहा जाता है कि हमारी दिनचर्या का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है. हम अपने जीवन में जो करते हैं, उसका अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे ही ज्योतिष शास्त्र में सुबह के समय कुछ चीजों को करने पर खास जोर दिया गया है.

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर सुबह की शुरुआत कुछ अच्छे कार्यों के साथ किया जाए, तो व्यक्ति का दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है. जी हां, बैड लक को गुड लक में बदलने के लिए ज्योतिषीयों ने कुछ कार्यों के बारे में बताया है, आइए जानते हैं इन कार्यों के बारे में.

शास्त्रों में भी कहा गया है कि अगर सुबह की शुरुआत भगवान के नाम से की जाए, तो दिन अच्छा बितता है. ऐसे में आंख खुलते ही अपने ईष्ट देव को याद करना चाहिए. उनका नाम लेकर ही बिस्तर से नीचे उतरना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है. इससे ईष्ट देव प्रसन्न होकर तरक्की का आशीर्वाद देते हैं और हर संकट दूर करते हैं.

हिंदू धर्म में कई ऐसे मंत्रों का वर्णन किया गया है, जिनके जाप मात्र से ही व्यक्ति के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. इन्हीं मंत्रों में से एक है गायत्री मंत्र. जीवन में नियमित रूप से अगर गायत्री मंत्र का जाप किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता का वास होता है और दरिद्रता दूर हो जाती है. साथ ही, व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति की हथेली में मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए सुबह आंख खुलते ही व्यक्ति को अपनी हथेलियों के दर्शन करने चाहिए. सुबह अपनी हथेलियों को जोड़कर इस मंत्र ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्द: प्रभाते करदर्शनम्।।’ का जाप करें और इसके बाद हथेलियों के दर्शन करें.

हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. सुबह उठने के बाद स्नान आदि करके तुलसी में जलअर्पित करें और घी का दीपक जलाने से दुर्भाग्य कोसो दूर भाग जाएगा.

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद नियमित रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके लिए तांबे के कलश में जल, रोली, अक्षत, मिश्री, लाल फूल डालकर अर्घ्य दें. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है.