नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सोमवार और शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. फाल्गुन माह की अमावस्ता तिथि 20 फरवरी सोमवार के दिन पड़ रही है. ज्योतिष की मानें तो जो लोग सोमवती अमावस्या के दिन अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए कुछ उपाय करते हैं, उनकी इच्छा अवश्य पूरी होती है. साथ ही इस दिन जो लोग पवित्र नदी में स्नान कर कुछ चीजों का दान और विधि पूर्वक पूजा-पाठ करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है और उन्हें कभी रुपए पैसे की कमी नहीं होती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के अमावस्या तिथि की शुरुआत 19 फरवरी की शाम 04 बजकर 18 मिनट से हो रही है, जिसका समापन 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर होगा. ऐसे में अमावस्या का स्नान-दान और पूजा पाठ 20 फरवरी सोमवार को किया जाएगा. इस दिन स्नान-दान का शुभ समय प्रातः काल से लेकर सुह 11 बजकर 15 मिनट तक है.
यदि आप चाहते हैं कि आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे और आपके पास रुपए पैसे की कभी कमी नही हो. इसके लिए आप 20 फरवरी यानी सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने के बाद शाम को ईशान कोण में गाय के घी में दीपक जलाकर रखें. ध्यान रहे कि इसमें जिस बत्ती का उपयोग हो, वे लाल रंग का हो. इसे जलाने के बाद कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें. इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और कभी रुपए पैसे की कमी नहीं होती है.
सोमवती अमावस्या के दिन मात भगवान शिव की पूजा करना बहुत लाभदायक होता है. इस दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें. ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही भगवान भोलेनाथ की कृपा से आपके कार्यों में आ रही रुकावट समाप्त हो जाती है.
इस दिन सुबह यदि संभव हो तो नदी वरना घर पर स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. और कच्चा सूत से 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें. इसके बाद गरीबों को जरुरत की चीजें दान करें. इसके बाद ब्राम्हण को भोजन कराएं. इस उपाय को करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर हमें खुशहाल रहने का आशीर्वाद देते हैं.