नई दिल्ली। आजकल जिसे देखो एक अलग दुनिया में ही व्यस्त नजर आता है। जहां तमाम लोग किसी ना किसी काम में व्यस्त है, वहीं ना जाने कितने ऐसे हैं जो बिना किसी काम के बिजी हैं और इन्हें अंग्रेजी में बिजी विदाउट वर्क कहते हैं। हालांकि, हर वक्त किसी भी चीज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यस्तता दिमाग को उलझाए रखती है और लोग इसके चलते मेमोरी लॉस का शिकार होने लगते हैं। अक्सर किसी से बात करते-करते हुए नाम भूल जाना, चीजें कहीं रखकर भूल जाना, क्या करना था या कहां जाना था यह भूल जाना, समेत रोज ना जाने कितनी दिक्कतों से जूझना पड़ता है। अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को भी ऐसी ही समस्या है, तो आज आपको बताते हैं इससे निजात पाने और याददाश्त बढ़ाने का अचूक उपाय।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू ऐप पर मौजूद मशहूर योग गुरु, आध्यात्मिक वक्ता, लेखिका और संस्कृति दार्शनिक आचार्य प्रतिष्ठा ने भूलने की समस्या को दूर करने का तरीका बताया है। कू ऐप पर शेयर किए वीडियो में वह कहती हैं कि मेमोरी लॉस एक आम परेशानी हो गई है। कई चीजें एक साथ करने पर या मल्टी-टास्किंग करने पर ऐसा होता है। बहुत ज्यादा गैजेट्स इस्तेमाल करने से भी ऐसा होने लगता है। लेकिन अच्छी याददाश्त हर आयुवर्ग के लिए यह बहुत जरूरी है। चाहे बच्चे हों या बूढ़े, सभी को अपनी याददाश्त बेहतरीन चाहिए होती है।
याददाश्त तेज करने का उपाय बताते हुए वह कहती हैं कि इसके लिए नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम करना होता है। इसे चाहे तो जमीन पर या कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं। बस ध्यान दें कि कमर सीधी रहे, अकड़ी हुई नहीं और खाने और प्राणायाम के बीच कम से कम तीन घंटे का अंतर होना चाहिए। इससे याददाश्त बहुत अच्छी होती है।
उन्होंने आगे बताया कि सबसे पहले सीधे बैठें, आंखों को बंद करें और दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली से दोनों कानों के छिद्रों को इसके ऊपर लगे फ्लैप से कसकर बंद कर लें। इस स्थिति में नाक से सांस लेना और सांस छोड़ना है, लेकिन सांस लेते-छोड़ते वक्त भौंरे की तरह गुंजन करना है, जो कान के भीतर गूंजे। पूरी सांस छोड़ने के बाद कानों को खोल दें और हाथों को वापस ले आएं। आंख खोलने की जल्दबाजी ना करें और भ्रमर की ध्वनि के स्पंदन को महसूस करें और फिर आंखें खोल लें। इसे पांच-छह चरणों के बाद 10 चरणों तक ले जाएं। यह आपकी याददाश्त को बढ़ाएगा, तेज ब्लड प्रेशर में काम करेगा, स्ट्रेस-एंजाइटी के लिए लाभदायक है। गाय के दूध से बना शुद्ध सफेद मक्खन और मिश्री खाने से भी याददाश्त बेहतर होती है।