नई दिल्ली. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए विशेषज्ञ सभी लोगों को रात में अच्छी नींद पूरी करने की सलाह देते हैं। नींद विकारों की स्थिति कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो अक्सर नींद को लेकर परेशान रहते हैं? रात में अच्छी नींद नहीं आती है? अगर हां, तो सावधान हो जाइए, यह टाइप-2 डायबिटीज के कारण होने वाली समस्या भी हो सकती है।
हाल ही में किए गए एक शोध में पाया गया है कि नींद की गुणवत्ता में गड़बड़ी का टाइप-2 डायबिटीज के साथ लिंक हो सकता है। अगर आप इस तरह की समस्याओं का अनुभव करते हैं तो किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
यह अपनी तरह की पहला अध्ययन है जिसमें नीद की कमी को डायबिटीज से जोड़कर इसके कारणों को समझने की कोशिश की गई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने सोने में दिक्कत के बारे में जानकारी दी, उनमें कार्डियोमेटाबोलिक हेल्थ के समस्याओं का जोखिम अधिक पाया गया। कार्डियोमेटाबोलिक समस्याओं को इंफ्लामेटरी मार्कर, कोलेस्ट्रॉल और शरीर का वजन बढ़ने से जोड़कर देखा जाता है, जो टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकते हैं। आइए इस अध्ययन के बारे में जानते हैं।
नींद की कमी और डायबिटीज के जोखिमों से संबंध के बारे में जानने के लिए विशेषज्ञों ने 1000 से अधिक ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों का आकलन किया, इनकी औसत आयु 45 की थी। इन लोगों से नींद की गुणवत्ता या फिर इससे संबंधित जोखिमों के बारे में जानने की कोशिश की गई। प्रतिभागियों से सोने में परेशानी, नींद की अवधि, समय, गुणवत्ता आदि के बारे में जानने की कोशिश की गई।
कई स्तर पर की गई जांच में पाया गया कि जिन लोगों ने सोने में परेशानी के बारे में बताया, उनमें बॉडी मास इंडेक्स के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और इंफ्लामेशन मार्कर्स अधिक देखे गए।
अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों ने पाया इस तरह के मार्कर और जटिलताएं डायबिटीज का कारक हो सकती हैं। इस अध्ययन से पता चलता है, नींद पूरी करना बहुत महत्वपूर्ण है, इसका केवल एक पहलू नहीं है, शरीर पर इसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज की दिक्कत रही है और उनकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है तो इसके कारण रोगियों में गंभीर जटिलताओं का खतरा अधिक हो सकता है। सभी उम्र के लोगों के लिए अच्छी नींद प्राप्त करना बहुत आवश्यक माना जाता है।
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता डॉ लीसा मैट्रिकियानी कहती हैं, कई विश्लेषणों में नींद की खराब गुणवत्ता को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़कर बताया जाता रहा है, इस अध्ययन में हमने डायबिटीज के खतरे के बारे में जानने की कोशिश की है। हर कोई जानता है कि नींद महत्वपूर्ण है, लेकिन जब भी नींद के बारे में बात की जाती है तो मुख्यरूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हमें कितने घंटे की नींद मिलती है, जबकि हमें अपनी नींद के अनुभव को समग्र रूप से देखना चाहिए। नींद की कमी गंभीर जोखिमों को बढ़ावा देने वाली हो सकती है, इस बारे में सभी उम्र के लोगों को ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।
अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती है या आपकी नींद की गुणवत्ता ठीक नहीं है तो इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। ऐसा करके आप समय रहते डायबिटीज और अन्य क्रोनिक बीमारियों के जोखिम से बचाव कर सकते हैं।