नई दिल्ली. मौर्य वंश के संस्थापक आचार्य चाणक्य ने अपनी बौद्धिक शक्ति से पूरे नंदवंश का नाश कर एक साधारण से बालक को राजगद्दी पर बैठा दिया था. अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करने वाले चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई ऐसी बातों का उल्लेख किया है जिन्हें अपनाकर कोई भी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है. उनकी नीतियां आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं. चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि हमें किन मामलों में पैसों की कंजूसी से बचना चाहिए.

बीमारी में मदद
चाणक्य कहते हैं कि हमें अपने सामर्थ के अनुसार, जहां तक संभव हो सके बीमार लोगों की मदद करनी चाहिए. इससे एक इंसान को स्वस्थ जीवन मिलेगा और समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा. ऐसे लोगों से ईश्वर हमेशा प्रसन्न रहते हैं. ऐसे मामलों में अक्सर आप कई बार मदद ना करके पछताते हैं. इस मामले में हमें कभी कंजूसी नहीं करनी चाहिए.

गरीबों की मदद
चाणक्य नीति के अनुसार, हमें हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे रहना चाहिए. ऐसा करने से हमें खूब पुण्य मिलता है. गरीब और जरूरतमंदों की दुआएं हमेशा असर करती हैं, इसलिए ये नेक काम करने का फल भी आपको निश्चित ही प्राप्त होता है. आप उनके बच्चों की शिक्षा या पालन, पोषण के लिए आर्थिक सहायता दे सकते हैं.

सामाजिक कार्यों में सहयोग
चाणक्य नीति में कहा गया है कि हमें अपनी आय का एक हिस्सा सामाजिक विकास कार्यों में जरूर लगाना चाहिए. इसके लिए आप अस्पताल या स्कूल आदि में अपनी क्षमता के अनुसार फंड दे सकते हैं. इससे ना सिर्फ आपका मान-सम्मान बढ़ता है, बल्कि लोगों की दुआओं से भाग्योदय भी होता है. इस प्रकार के कार्य लोगों को जरूर करने चाहिए.

धार्मिक स्थलों को दान
चाणक्य नीति के मुताबिक, हमें कभी भी धार्मिक स्थलों को दान देने से पीछे नहीं हटना चाहिए. मंदिर या किसी पवित्र स्थल को दान देने से हमें बहुत पुण्य मिलता है. जीवन में सकारात्मकता आती है. इस तरह का दान करके हम ना सिर्फ वहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलने में मदद करते हैं, बल्कि सैकड़ों भूखे लोगों का पेट भी भर सकते हैं.