नई दिल्ली. सूर्य ग्रहण को धर्म और ज्‍योतिष में अशुभ माना गया है क्‍योंकि इस समय नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ जाती है. इसलिए सूर्य ग्रहण-चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही की जाती है. 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण है, फिर भी इसका असर लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा. सूर्य ग्रहण-चंद्र ग्रहण को लेकर गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.

सूर्य ग्रहण डालता है गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर
मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए क्‍योंकि इसका बुरा असर उनके होने वाले बच्‍चे पर हो सकता है. धर्म और ज्‍योतिष के अलावा विज्ञान में भी इसके पीछे कारण बताए गए हैं. दरअसल, सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना है और जब ग्रहण होता है तो इस दौरान बहुत सारी ऐसी तरंगे निकलती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. वैसे तो ये हानिकारक तरंगे सभी पर असर डालती हैं लेकिन गर्भस्थ शिशु पर इसका सबसे ज्यादा असर होता है. इसके अलावा ग्रहण के दौरान ब्रह्मांड में निगेटिव एनर्जी का स्तर एकदम से बढ़ जाता है, जिसका सबसे ज्यादा बुरा असर प्रेग्रनेंट लेडी पर होता है.

गर्भवती महिलाएं ध्‍यान में रखें ये बातें
– ग्रहण के दौरान पैदा हुई नकारात्‍मकता से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर साफ-सुथरी जगह पर मंत्र जाप करना चाहिए. इससे सकारात्‍मकता बढ़ेगी. बेहतर होगा कि ऊं का जाप किया जाए.
– सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तेज धार वाली या नुकीली चीजों का उपयोग न करें. इससे कोख में पल रहे बच्‍चे पर बुरा असर होता है.
– जहां तक संभव हो ग्रहण के दौरान कुछ न खाएं. यदि खाना-पीना जरूरी हो तो खाद्य पदार्थों और पानी में तुलसी के पत्‍ते डाल लें.