नई दिल्ली। आजादी के अमृत काल महोत्सव के बीच बृहस्पतिवार (आज) बजट पेश किया जाएगा। सरकार को भी कमोबेश ख्याल रहेगा कि चुनावी साल में किसी को मलाल न हो। इसलिए हर वर्ग बजट के पिटारे को लेकर खासा उत्साहित है। उद्यमियों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, नौकरीपेशा, किसानों और गृहणियों को सौगात की आस है।
खाद्दान, गैस, पेट्रोल, कपड़ा, सौंदर्य प्रसाधन के दामों में कमी की उम्मीद जताई जा रही है। बढ़ती महंगाई पर लगाम की योजना के साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी राहत के कयास लगाए जा रहे हैं। गृहणियों ने खाने-पीने की वस्तुओं पर टैक्स घटने का सपना संजो रखा है। रियल स्टेट में होम लोन के टैक्स दायरे को बढ़ाने और क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने की उम्मीद रियल स्टेट कारोबारी लगाए हुए हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत करने के लिए मेडिकल कॉलेजों के लिए बजट दिया जा सकता है। लब्बोलुआब यह है कि इस बार बजट में कुछ खास मिलेगा, ऐसी हर शख्स को उम्मीद है।
80 की लिमिट 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की जानी चाहिए। आयकर लिमिट बढ़ाकर 10 लाख की जानी चाहिए। एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए गवर्मेंट सब्सिडी टैक्स फ्री की जाए। जो वस्तु भारत में नहीं बन रही हैं उनपर कस्टम ड्यूटी घटाई जानी चाहिए। जीएसटी में दो स्लैब 5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत करे। गेल गैस में लगने वाले टैक्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलना चाहिए।
समयानुसार कर देने वालों को जीएसटी विभाग से विशेष बेनिफिट दिया जाना चाहिए। इससे टैक्स जमा करने के लिए लोग खुद ही प्रत्साहित होंगे। टैक्स भी घटाया जाना चाहिए। टेंट हाउस, मंडप पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत किया जाए। देश में प्रत्येक व्यवसाय पर जीएसटी की दर एक समान हो। जीएसटी पंजीकृत व्यापारी को निजी अस्पतालों में सीजीएचएस की दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। कॉमर्शियल वाहनों पर इंश्योरेंस प्रीमियम घटाया जाए। ट्रक खरीदने पर 28 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करे और छूट भी दी जाए।
सराफा व्यापार में लगने वाली 15.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी को 4 प्रतिशत से कम किया जाए। इससे तस्करी से आने वाला सोना हमारे व्यापार में आने से रुकेगा। मेरठ में ज्वेलरी पार्क की स्थापना एवं फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स की स्थापना हेतु बजट में प्रावधान किया जाए। सर्राफा व्यापार में जीएसटी 3 प्रतिशत के स्थान पर 1 प्रतिशत कर दी जाए। सिंगिल पॉइंट टैक्स की व्यवस्था कर सर्राफा व्यापार की जटिलताओं को समाप्त किया जाए। विजय आनंद अग्रवाल, महामंत्री, बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन।
लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है । व्यापारियों के लिए बीमा योजना, लघु व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड बैंकों और अन्य वितिय संस्थानो द्वारा व्यापारियों को वित्त की आसान पहुंच हो। इनकम टैक्स स्लैब 5 लाख से 8 लाख किया जाए । जीएसटी की प्रक्रिया का सरलीकरण हो।
जिस तरह नमक के दाम बढ़े उसी हिसाब से ही गन्ने के दाम सरकार को बढ़ाने चाहिए। गन्ने के दाम कम से कम 400 रुपये क्विंटल करने चाहिए। साथ ही 2़50 स्वामीनाथन रिपोर्ट व एमएसपी लागू करें। कृषि यंत्रों पर अधिक छूट दी जाए नलकूपों पर जल्द बिजली फ्री योजना लागू हो किसान सम्मान निधि बढ़ाई जाए। -नवाब सिंह अहलावत जिलाध्यक्ष भाकियू अराजनीतिक
महंगाई की मार में किसान भी दो चार है। किसानों के कृषि उपकरण, खाद, बीज, बिजली सब मंहगे हो रहे हैं। आम बजट में किसानों के टयूबवैल के बिल माफ होने चाहिए। घोषणा की जाती है, लेकिन होते नहीं है। आलू के दामों में जो अंतर आता है, उसके लिए भी केंद्र सरकार व्यवस्था करे, जिससे आलू किसान मजबूत हो सके।
बजट को लेकर ज्यादा सरकार से उम्मीद नहीं है। राज्य सरकार ने गन्ने का 20 रुपए बढ़ा कर पहले ही किसानों के साथ खिलवाड़ किया। सरकार बीज, खाद और खेती के उपकरणों को सस्ता करे तो फसल से लाभ मिले।
किसानों को गन्ने का दाम 450 रुपये प्रति कुंतल मिलने चाहिए। गांव में छूटे पशुओं से फसल बर्बाद हो रही है, किसान परेशान है। बजट में पशुओं से नुकसान की भरपाई भी होनी चाहिए। जिससे किसान मजबूत हो सके और अपने नुकसान की भरपाई कर सके। सरकार को अपने बजट में व्यापारी हित का भी ध्यान रखना चाहिए। व्यापारियों पर लगातार टैक्स का बोझ डाला जा रहा है। सरकार को व्यापारी के लिए भी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए।
खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाए, जिससे उनका मनोबल बढ़े। खिलाड़ी और आगे बढ़ सके और अच्छा प्रदर्शन कर सकें। शहरों और कस्बों में खेल सुविधाओं को बढ़ाया जाए, नए स्टेडियम बनवाए जाएं, जिससे खिलाड़ी और भी आगे बढ़ सके। गांवों में भी खेल सुविधाएं दिलाई जाएं।