नई दिल्ली। सुरजीत सिंह फूल और सरवन सिंह पंढेर, इन्हीं किसान नेताओं ने पुलिस प्रशासन को सड़क पर सीमेंट कंक्रीट की दीवार बनाने के लिए मजबूर कर दिया। इनमें से एक किसान नेता ने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोक दिया था। पीएम मोदी को उस रूट से वापस लौटना पड़ा था। दूसरे किसान नेता के समर्थकों ने 26 जनवरी 2021 को लाल किला में ट्रैक्टर घुसा दिए थे।
कोरोनाकाल के दौरान एक वर्ष से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन में पुलिस सुरक्षा का ऐसा बंदोबस्त नहीं दिखा था, जैसा मंगलवार को देखने को मिल रहा है। दिल्ली से लगती सीमाओं पर सीमेंट एवं कंक्रीट का मिक्सर डाला जा रहा है। भारी मात्रा में लोहे के सरियों से तैयार बैरिकेड लगाए गए हैं। इस बार तो दिल्ली आने वाले किसान संगठन भी गिनती के ही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकांश घटक समूह भी ‘दिल्ली चलो’ मार्च में सक्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियां, 2020-21 के किसान आंदोलन की तुलना में कहीं अधिक सतर्क हैं।
जानकारों के मुताबिक, इसके पीछे दो शख्स हैं। एक, सुरजीत सिंह फूल और सरवन सिंह पंढेर। इन्हीं किसान नेताओं ने पुलिस प्रशासन को सड़क पर सीमेंट कंक्रीट की दीवार बनाने के लिए मजबूर कर दिया। इनमें से एक किसान नेता ने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोक दिया था। पीएम मोदी को उस रूट से वापस लौटना पड़ा था। दूसरे किसान नेता के समर्थकों ने 26 जनवरी 2021 को लाल किला में ट्रैक्टर घुसा दिए थे। वहां लगे तिरंगे का अपमान किया गया। अब इन दोनों नेताओं के समर्थक, दिल्ली पहुंच रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी संगठन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल का संगठन ‘दिल्ली चलो’ मार्च में हिस्सा ले रहा है। सुरजीत सिंह फूल, 2021 में उन 25 किसान नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने तीन कृषि कानूनों पर सरकार के साथ चर्चा की थी। दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस एवं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, सुरजीत सिंह को लेकर बेहद सतर्क हैं। वजह, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी संगठन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह को लेकर यह कहा गया था कि उनके समर्थकों ने 5 जनवरी 2022 को बठिंडा से सड़क मार्ग के जरिए फिरोजपुर पहुंच रहे पीएम मोदी का काफिला रोक दिया था। उस वक्त किसानों ने रास्ते में जाम लगा रखा था। पीएम मोदी का काफिला, प्यारेआना गांव के फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक रुका रहा। तब पीएम मोदी ने कहा था, अपने सीएम को थैक्स कहना, मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया।
हालांकि सुरजीत सिंह फूल ने अपने संगठन की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था, उनके कार्यकर्ताओं को यह अंदाजा नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस सड़क से गुजरने वाले हैं। हालांकि फूल ने यह बात स्वीकार की थी कि उनके कार्यकर्ताओं से पुलिस ने कहा था कि यहां धरना प्रदर्शन न करें। इस सड़क से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरेगा। संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बात को गंभीरता से नहीं लिया। कार्यकर्ता यह बात जानते थे कि सड़क पर कोई वीआईपी मूवमेंट होता है, तो कई घंटे पहले सड़क खाली करा ली जाती है।
इस वजह से कार्यकर्ताओं को पुलिस की बात पर यकीन नहीं हुआ। फूल ने कहा था, केंद्र और पंजाब सरकार का यह दावा ठीक नहीं है कि किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा। सुरजीत सिंह फूल का कहना था, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के सदस्य, केवल प्रधानमंत्री का विरोध कर रहे थे, यह बात सही नहीं है। उस वक्त संयोग ही ऐसा हुआ कि प्रधानमंत्री को उसी सड़क से गुजरना था। उस दिन पंजाब में कई जगहों पर अलग-अलग किसान संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री के दौरे के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था।
2021 में गणतंत्र दिवस पर किसानों ने दिल्ली में खूब हुड़दंग मचाया था। इस कड़ी में देश के राष्ट्रीय गौरव ‘लाल किला’ को भी नहीं बख्शा गया। उस वक्त ‘पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति’, जिसके महासचिव सरवन सिंह पंढेर थे, उनके कार्यकर्ताओं ने लाल किला में ट्रैक्टर घुसा दिए। वहां प्राचीर पर लगे तिरंगे का अपमान किया गया। उस घटना के दौरान वायरल हुए एक वीडियो में सरवन सिंह, अपने कार्यकर्ताओं से लाल किला में ट्रैक्टर घुसाने की अपील करते हुए नजर आ रहे थे। मुकरबा चौक पर उनके समर्थक, जब पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास कर रहे थे, तो पंधेर से पूछा गया था कि अब आगे क्या करना है।
पंढेर ने कहा था, लाल किला में जाकर बैठ जाओ। लाल किला की घटना के बाद पंढेर ने अपनी सफाई में कहा था, मैंने लाल किला में जाने के लिए नहीं कहा था। उस घटना के बाद एसकेएम की तरफ से यह बात कही गई थी कि किसानों को लाल किला में जाने के लिए नहीं कहा था। एसकेएम ने किसी भी संगठन को लाल किला की तरफ ट्रैक्टर परेड निकालने का आदेश नहीं दिया। एसकेएम ने पुलिस द्वारा सुझाए गए रूट का पालन करने की बात कही थी। संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से यह बात भी निकल कर सामने आई थी कि सरवन सिंह पंढेर व सतनाम सिंह पन्नू, पुलिस बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में परेड निकालने पर अड़े थे। अब दिल्ली चलो मार्च में सरवन सिंह पंढेर का संगठन, बढ़-चढ़ कर भाग ले रहा है। सरवन सिंह, सरकार के साथ बातचीत भी कर रहे हैं।