नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में नौ रत्नों के बारे में विशेष रूप से बताया गया है. हर रत्न का हर व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव होता है. इन रत्नों को धारण करने से ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है. आज हम आपको पुखराज रत्न के बारे में बताएंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुखराज रत्न गुरु ग्रह से जुड़ा होता है. आइए जानते हैं कि किन लोगों को पुखराज पहनना चाहिए और किसको नहीं.

पुखराज रत्न पहनने के फायदे
– धन, संतान, सुख-शांति, आध्यात्मिक विकास, समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी पुखराज धारण करना लाभदायक माना जाता है.
– पुखराज रत्न पहनने से व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में खूब तरक्की प्राप्त होती है. साथ ही व्यक्ति की बुद्धि-दिमाग तेज होता है.
– अगर किसी की शादी नहीं हो रही है या फिर शादी में बाधाएं आ रही हैं तो पुखराज पहना जा सकता है.

किस राशि के लिए पुखराज होता है शुभ?
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मेष, वृषभ, सिंह, धनु और मीन राशि के लोगों को पुखराज शुभ परिणाम देता है. इन राशि के जातकों के जीवन में सुख-शांति का वास होता है.

किसको नहीं पहनना चाहिए पुखराज?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों को पुखराज धारण करने से बचना चाहिए. इस रत्न से इन लोगों को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं. इसक अलावा जिन लोगों की कुंडली में गुरु नीच स्थिति में हो उन्हें भी पुखराज अशुभ परिणाम देता है.

जानें पुखराज रत्न धारण करने के नियम
– पुखराज धारण करने से पहले कुंडली में गुरु की स्थिति का ध्यान बेहद आवश्यक होता है.
– पुखराज के शुभ परिणाम पाने के लिए हमेशा सोने की अंगूठी में ही पहनें.
– गुरुवार और द्वितीया, एकादशी और द्वादशी तिथि पर पुखराज पहना जा सकता है.
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुखराज को हाथ की तर्जनी अंगुली में पहनना शुभ होता है.
– रत्न धारण करने के बाद ॐ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप करें.