नई दिल्ली। अब किसान के सारे काम ड्रोन करेगा। इसके उपयोग से वह घर बैठे खेतों में बीज की बुआई से लेकर कीटनाशकों के छिड़काव, खेतों की निगरानी समेत अन्य काम कर सकेगा। उसे तपती गर्मी या सर्द रातों में खेतों में काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रगति मैदान में हॉल नंबर 12 वा 12 ए में आयोजित पुलिस एंड ड्रोन एक्सपो में इस एग्रीकल्चर ड्रोन का प्रदर्शन हुआ। कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि यह ड्रोन बीमा उद्योग के लिए कृषि भूमि का मानचित्रण करने के लिए भी कार्य करता है। इससे प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में फसलों को हुए नुकसान का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
ड्रोन कंपनी में काम करने वाले दीपक यादव ने बताया कि जमीनी स्तर पर शोध कर इस ड्रोन को तैयार किया गया है। एग्री शक्ति 10 एल नाम के यह कृषि ड्रोन अधिकतम क्षमता पर 15 मिनट तक उड़ सकता है और 10 लीटर स्प्रे टैंक को सपोर्ट करता है। यह लगभग सात मिनट में एक एकड़ में छिड़काव करने में सक्षम है। स्वदेशी तकनीक से बने इस एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से भविष्य को मद्देनजर रखते हुए उन्नत खेती करना आसान हो जाएगा। इसकी कीमत दो लाख रुपये से कुछ ही अधिक है। प्रगति मैदान में चल रहे एक्सपो में यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
ड्रोन के इस्तेमाल से किसान अब घर बैठे अपने खेतों में काम कर सकेंगे। उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। वहीं भीषण गर्मी में हीट स्ट्रोक एवं लू के शिकार भी नहीं बनेंगे। इससे इन बीमारियों से ग्रसित होकर काल का ग्रास बनने वालों की संख्या में भी कमी आएगी। कंपनी अधिकारी ने बताया कि इसके इस्तेमाल से पारंपरिक कृषि पद्धतियों में क्रांति आएगी। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए फसल की पैदावार बढ़ेगी।