अयोध्या. जब भी कोई ग्रह वक्री यानी उल्टी चाल चलता है तो उसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलता है. लेकिन अगले कुछ महीनों के लिए तीन बड़े ग्रह गोचल कुंडली में वक्र अवस्था में संचरण करेंगे. इसमें 4 सितंबर से देवगुरु बृहस्पति 118 दिनों के लिए वक्री हुए हैं तो शनि और बुध पहले से ही उल्टी चाल चल रहे हैं. ऐसे में सभी 12 राशियों पर इनका वृहद प्रभाव देखने को मिलेगा.

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु धन, संपत्ति, मान-सम्मान के कारक हैं. वहीं शनि न्याय के देवता हैं तो बुध बुद्धि और व्यापार के कारक हैं. ऐसे में इन तीनों बड़े ग्रहों के वक्री हो जाने से तमाम राशि वालों के जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. वहीं इस बार गुरु का वक्री काल लगभग 118 दिनों का है. 4 सितंबर से 31 दिसंबर तक गुरु वक्र अवस्था में संचरण करेंगे. वहीं चार नवंबर तक शनि भी वक्री रहेंगे और सितंबर माह में बुध का वक्री काल भी जारी रहेगा.