नई दिल्ली. आषाढ़ का महीना आने वाला है. हिंदी कैलेण्डर के अनुसार ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ का महीना आता है. हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीना पूजा पाठ के लिए बहुत उत्तम माना गया है. आषाढ़ माह में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या कहते हैं. इसे हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं. आषाढ़ अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करके पितरों की पूजा करते हैं तथा उनके निवृत दान भी देते हैं. इससे पितरों को शांति मिलती है और व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके सूर्य भगवान को भी जल देने का प्रावधान है. इसे भक्तों पर पितरों के साथ-साथ सूर्यदेव की भी कृपा होती है.
हलहारिणी अमावस्या के दिन खेती में काम आने वाले हल एवं अन्य उपकरणों की भी पूजा की जाती है. किसान पूरे विधि विधान से हल का पूजन करते हैं. और खेतों की हरियाली बनी रहे इसके लिए भगवान से प्रार्थना भी करते हैं. मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन यज्ञ करने का अनंत फल मिलता है.
आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि आरंभ: 28 जून 2022, सुबह 05:53 मिनट से
आषाढ़ अमावस्या तिथि समापन: 29 जून 2022, सुबह 08:23 मिनट तक