नई दिल्ली : हार्ट अटैक वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में आपने भी वर्कआउट के दौरान हार्ट अटैक, डांस करते हुए या किसी कार्यक्रम के दौरान हार्ट अटैक से मौत की कई खबरें देखी और सुनी होंगी। एक ऐसा ही मामला दशहरा में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम के दौरान सामने आया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रावण दहन के दौरान एक व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ा। हार्ट अटैक के कारण व्यक्ति जमीन पर गिर गया। देखते-देखते भीड़ इकट्ठा हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी दौरान स्थानीय एसीपी (एजेके) भी वहां पहुंचे और लक्षणों को देखते हुए तुरंत उन्होंने पीड़ित को सीपीआर दी जिससे उसकी जान बच गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

गौरतलब है कि सीपीआर को हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति में ‘जीवन रक्षक’ उपाय माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हार्ट अटैक होने पर अगर समय रहते किसी व्यक्ति को सीपीआर दे दिया जाए तो इससे जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीपीआर के बाद पीड़ित खुद खड़ा हो गया और पुलिसकर्मियों ने उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया। सोशल मीडिया पर सीपीआर देने वाले अधिकारी की जमकर तारीफ की जा रही है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को सीपीआर के तरीके के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। जिस तरह से हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं ये तरीका जान बचाने में काफी मददगार हो सकता है। क्या आप सीपीआर के बारे में जानते हैं?

ओपोलो हॉस्पिटल में कार्डियोवस्कुलर सर्जन डॉ निरंजन हिरेमथ ने बताया, हार्ट अटैक की स्थिति में ‘गोल्डन टाइम’ बहुत महत्वपूर्ण है। ये दिल का दौरा पड़ने के बाद के पहले 60 मिनट होते हैं, जिसमें तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में लक्षणों की समय पर पहचान कर सीपीआर देने से जान बचने की संभावना 60-70 फीसदी तक बढ़ जाती है।

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक जीवनरक्षक तकनीक है जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थितियों में जीवनरक्षक साबित हो सकती है। सांस या दिल की धड़कन रुक जाने की स्थिति में अगर समय रहते रोगी को सीपीआर दे दिया जाए तो मौत के खतरे को कम किया जा सकता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञ कहते हैं, हार्ट अटैक की स्थिति में छाती को सही गति से दबाने की यह प्रक्रिया रक्त के संचार को ठीक रखने में मददगार हो सकती है। आइए जानते हैं कि सीपीआर को कैसे प्रयोग में लाया जाना चाहिए?

हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर देकर शरीर के हिस्सों में रक्त के संचार के ठीक बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसमें 100-120/मिनट की दर से छाती को दबाया जाता है। इसके लिए दोनों हाथों को इस प्रकार से जोड़ें जिससे हथेली का निचला हिस्सा छाती पर आए, इसे हथेली को छाती के केंद्र के निचले आधे हिस्से पर रखकर दबाएं। हाथों को एकदम सीधा रखें, जिससे सारा दबाव कंधों के माध्यम से पड़े। छाती को कम से कम 5 सेमी तक दबाएं।

इस विधि शरीर के अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलता है और ऑर्गन फेलियर के खतरे को कम किया जा सकता है।