नई दिल्ली: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर 2022 से शुरू हो रही हैं। इस साल सोमवार होने के कारण मां दुर्गा हाथ में सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा का इस तरह आना काफी शुभ माना जा रहा है। इस बार पूरे नौ दिनों की नवरात्रि पड़ रही है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की जाएगी। इन नौ दिनों में भक्तगण विधिवत तरीके से पूजा करने के साथ कलश स्थापना करते हैं और पूरे दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। तप, साधना और ध्यान के बाद ही मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इन नौ दिनों में तामसिक चीजों के साथ ऐसी चीजों से दूर रहते है जिससे क्रोध, वासना बढ़ती हैं। लेकिन वहीं महिलाओं की बात करें, तो नौ दिनों के नवरात्रि काफी मुश्किल वाली होती है। इसका कारण है मासिक धर्म। कई बार नौ दिनों के नवरात्रि के बीच महिलाओं को मासिक धर्म हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता है कि अब आगे क्या करें।
अगर आप भी नवरात्रि के दौरान व्रत रख रही हैं, तो मासिक धर्म के दौरान कैसे पूजा करें। इसके साथ ही किन बातों का ध्यान रखें। जानिए
आमतौर पर महिलाएं के मासिक धर्म का चक्र 22 से 28 दिन के बीच होता है। ऐसे में हर किसी को मासिक धर्म आने के बारे में पहले से ही पता होता है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि पीरियड नवरात्रि में हो सकते हैं,तो व्रत न रखें। लेकिन जो महिलाएं व्रत रखना चाहती है, तो वह पहला और आखिरी रख सकते हैं। इस दौरान मां के अलावा पूजा सामग्री, कलश आदि को स्पर्श न करें बल्कि दूर से ही मां के दर्शन कर लें।
अगर आप पहला और आखिरी व्रत रखी रही हैं, तो रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ करती रहें। अगर आपको सप्तशती का पाठ याद नहीं है, तो मोबाइल से देखकर पढ़ सकती है।
अगर नवरात्रि में आपको शंका है कि मासिक धर्म हो सकता है, तो व्रत न रखें। यदि फिर बीच के दिनों में मासिक धर्म आ गया है और आप व्रत का संकल्प कर चुकी हैं, तो आगे भी कर लें। इसके साथ ही पूजा खुद न करके घर के किसी दूसरे सदस्य से करा लें। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती पाठ पढ़ या फिर सुन सकते हैं।
जिन महिलाओं को नवरात्रि के बीच में ही मासिक धर्म आ जाए, तो उन्हें परेशान या निराश होने की जरूरत नहीं है। बस मां को मानसिक रूप से याद करती रहें और ध्यान करें। ऐसा करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।