बिजनौर. रात में अगर आकस्मिकता की स्थिति में किसी को जरूरत पड़ जाए तो जिला मुख्यालय पर एक भी मेडिकल स्टोर खुला नहीं मिलता। कुछ साल पहले ऐसा नहीं था, जिला अस्पताल के पास क्रमानुसार एक मेडिकल स्टोर पर रात में दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था रहती थी।

जिला मुख्यालय पर कुछ साल पहले तक ऐसी व्यवस्था थी, कि जिला अस्पताल के पास स्थित मेडिकल स्टोर्स में से क्रमानुसार रात में एक मेडिकल स्टोर आकस्मिकता की स्थिति वाले मरीजों के लिए खोल कर रखा जाता था, अथवा मेडिकल स्टोर में ही चैनल बंद कर एक कर्मचारी सोता था, जिसे जगाकर ऐसे लोग दवाई ले सकते थे, जिन्हें रात में अचानक बीमारी या दुर्घटना आदि के कारण जरूरत पड़ती थी। धीरे-धीरे यह व्यवस्था बंद हो गयी। क्षेत्रवासियों आदित्य, योगेश कुमार, कुलवीर सिंह, इरफान आदि के मुताबिक कई बार ऐसा हुआ, कि रात में किसी परिजन के कोई दर्द या परेशानी होने पर फोन कर किसी चिकित्सक से दवाई तो पता कर ली, लेकिन ढूंढने पर भी जिला अस्पताल तो क्या पूरे शहर में कोई ऐसा मेडिकल नहीं मिला, जहां दवाएं मिल सके। लोगों की मांग है, कि शहर में कम से कम एक ऐसा मेडिकल स्टोर जरूर होना चाहिए, जहां रात में भी दवाएं मिल सकें।

रात में एक मेडिकल स्टोर खुलवाने की व्यवस्था पूर्व में औषधि विक्रेताओं से बात कर कराई गयी थी। अब रात में कोई मेडिकल नहीं खुल रहा, यह अभी पता चला है। यह व्यवस्था फिर से चालू कराई जाएगी।