नई दिल्ली. हर इंसान मेहनत करता है और चाहता है कि जीवन में उसे सुख सुविधाएं मिले. भले ही मेहनत करके हम बड़े मुकाम पर पहुंच जाएं पर हर किसी को सम्मान नहीं मिलता है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जिनका अध्ययन करने से पता चलता है कि मेहनत, सफलता के बाद इंसान कैसे सम्मान का हकदार बनता है. चाणक्य ने अपने अनुभवो के आधार पर नीति शास्त्र के नाम पर पुस्तक लिखी थी, जिसे चाणक्य नीति कहा जाता है. आइए जानते हैं कि चाणक्य शास्त्र में क्या बताया गया है.
चाणक्य नीति कहती है कि जो लोग झूठ बोलते है और दूसरों का नुकसान करके सफलता पाते हैं उन्हें एक दिन अपमान का सामना करना पड़ता है. मेहनत और सच्चाई के रास्ते पर चलकर ही इंसान कामयाब होता है. व्यक्ति को कभी भी आत्मसम्मान से समझोता नहीं करना चाहिए, अगर वो ऐसा करता है तो समाज में उसे सम्मान भी मिलता है.
लालच एक तरह का स्लो पॉइजन है जो व्यक्ति को धीरे-धीर के अच्छे कर्मों को खत्म कर देता है. वहीं जो लोभ का त्याग करते हैं वह सबके चहेते और कामयाब बनते हैं.
आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि जो व्यक्ति जमीनी स्तर पर काम करता है, अपनी बातों और चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बोलता उसे निश्चित ही सफलता मिलती है. इसके साथ ही दूसरों की नजर में उसका कद ऊंचा हो जाता है. हर जगह उसका सम्मान होता है. अपनी कामयाबी को बढ़ा-चढ़ाकर बताने वाले व्यक्ति एक समय में मजाक का पात्र बनकर रह जाते हैं.
आपको जीवन में कोई बड़ा पद मिल जाए तो उस पर गुमान न करें. धन और प्रतिष्ठा मिल जाए तो अहंकार नहीं करना चाहिए. किसी का अपमान न करें. अगर आप सभी को सम्मान देंगे तो आपको भी निश्चित सम्मान मिलेगा.
जो लोग दूसरों की बुराई करते हैं , उनका मखौल उड़ाना व्यक्ति के छवि को नुकसान पहुंचाता है. जो ऐसा करता है वो चाहे कितने ही कामयाब क्यों न हो उनको सम्मान नहीं मिलता. अगर निंदा करने वालों के साथ रहते हैं तो उनका साथ छोड़ दें.