नई दिल्ली। देश के किन राज्यों में बिजनेस करना आसान है और कहां निवेशकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, इसका पता जल्द ही चल जाएगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय गुरुवार, 30 जून को इसकी सूची जारी कर सकता है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कारोबारी माहौल में सुधार के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 30 जून को (बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान), 2020 के तहत राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों का आकलन जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत व्यापार करने में आसानी के मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की रैंकिंग होने की उम्मीद है। इसके जरिए राज्यों के बीच नए निवेशकों को आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे निवेशकों को इस बात का पता लगाने में आसानी होती है कि किस राज्य में नया उद्योग या उद्यम लगाना उनके लिए बेहतर होगा।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में कई तरह के मानक शामिल किए गए हैं। इसके मापदंडों में विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं, जैसे निर्माण परमिट, श्रम कानून, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंच, भूमि की उपलब्धता और एकल खिड़की प्रणाली के तहत विभिन्न सेवाओं का एक ही जगह उपलब्ध होना आदि। बता दें कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान के तहत सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए इस तरह की सूची जारी करता रहता है।
अब तक 2015, 2016, 2017-18 और 2019 और 2020 में राज्यों की रैंकिंग जारी की जा चुकी है। सितंबर 2020 में जारी अंतिम रैंकिंग में आंध्र प्रदेश चार्ट में सबसे ऊपर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और झारखंड का स्थान है।