नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सभी चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश को समर्पित किया गया है. हर महीने संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. आज 11 दिसंबर 2022, रविवार को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. संकष्टी चतुर्थी का दिन जीवन के तमाम संकटों-कष्टों से निजात पाने के लिए गणपति की पूजा-आराधना करने का दिन होता है. पौष महीने की संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस दिन व्रत करना और गणपति बप्पा की पूजा करना बहुत लाभ देता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 11 दिसंबर 2022 की शाम 4 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 12 दिसंबर 2022 की शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. चूंकि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र देव को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है इसलिए संकष्टी चतुर्थी व्रत आज 11 दिसंबर को ही रखा जाएगा.
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर क्या करें क्या न करें
– अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन स्नान करके व्रत का संकल्प लें. फिर चौथी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें और विधि-विधान से उनकी पूजा करें. गणपति को दूर्बा, पीले फूल, लड्डू, मोदक अर्पित करें.
– शाम को गणेश जी की पूजा-आरती करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
– अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करें लेकिन पूजा में तुलसी के पत्ते का गलती से भी इस्तेमाल न करें. ऐसा करना गणपति को नाराज कर सकता है.
– संकष्टी चतुर्थी के दिन ना तो किसी का अपमान करें और ना ही किसी से अपशब्द कहें. ऐसा करना आपके जीवन में कष्टों का अंबार लगा सकता है.
– अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पशु-पक्षियों को परेशान न करें. बल्कि उन्हें भोजन-पानी दें. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाना भी शुभ होता है.
– शाम को पूजा के बाद घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद जरूर लें.
– संकष्टी चतुर्थी का व्रत ना भी कर रहे हों तो भी इस दिन तामसिक भोजन ना तो घर में बनाएं और ना ही सेवन करें.