लखनऊ। लोकसभा की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में निलंबित की गईं मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि उनका और अन्य सांसदों का निलंबन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है। सांसद अपनी बात नहीं कह पा रहे। ऐसा वातावरण बना दिया गया है। विपक्षी सांसद सिर्फ इतना चाहते हैं कि 13 दिसंबर को जो घटना हुई उस पर गृहमंत्री सदन में आकर सवालों का जवाब दें।
लोकसभा से निलंबित होने के बाद मंगलवार को सांसद डिंपल यादव ने कहा कि एक दिन पूर्व राज्यसभा और लोकसभा के 80 सांसद निलंबित किए गए और मंगलवार को 40 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि हम लोग अपनी बात नहीं कर पा रहे। उनकी तथा अन्य सांसदों की सिर्फ यही डिमांड है कि गृहमंत्री सदन में आए और निलंबित किए गए सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए। सांसदों की बात सुनी जाए। सरकार इस मामले में पूरी तरह फेल हो गई है। लोकतंत्र के लिए यह बेहद खराब स्थिति है। 13 दिसंबर को लोकसभा में जो घटना हुई सरकार को इस मसले पर अपना जवाब देना ही होगा।
मंगलवार को लोकसभा में हंगामा कर रहे 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें डिंपल यादव भी शामिल रहीं। इन सांसदों को पूरे शीत सत्र की कार्यवाही में हिस्सा लेने से वंचित किया गया है। इस ऐक्शन के साथ ही मौजूदा सत्र में निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है। इससे पहले सोमवार को ही लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 यानी कुल 78 सांसद सस्पेंड किए गए थे। निलंबित किए गए सांसदों में दानिश अली प्रतिभा सिंह दिनेश चंद्र यादव एसटी हसन, शशि थरूर सुप्रिया सुले डिंपल यादव और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू और कांग्रेस के ही मनीष तिवारी चंद्रेश्वर प्रसाद माला रॉय और कार्ति चिदंबरम को भी सस्पेंड किया गया है।