बिजनौर| बिजनौर के जलीलपुर खादर क्षेत्र में रायपुर खादर हो या सलीमपुर या मीरापुर, गंगा के पानी में बाढ़ के हालात बन चुके हैं। कुदरत के आगे इंसान बेबस नजर आ रहे हैं। वहीं, हालातों पर नजर डालें तो करीब चार से पांच फिट पानी से होकर बैलगाड़ी, ट्रैक्टर निकलकर जा रहे हैं। सड़क पर इतना पानी है कि यहां नाव से आना जाना पड़ रहा है। अधिकांश ग्रामीण रात में छत पर सो रहे हैं। जैसे ही रात में जलस्तर बढ़ने का एनाउंसमेंट होता है, उनकी धड़कने भी बढ़ जाती हैं।
सोमवार को रायपुर खादर, सलीमपुर, मीरापुर खादर में दौरा किया। यहां के लोगों के हालात जाने तो अधिकांश लोग असमंजस के भंवर में फंसे हैं। लोगों का कहना है कि घर छोड़कर जाएं तो घर में चोरी हो जाएगी और न जाएं तो बाढ़ का पानी घर में घुस आएगा। इस दौरान सड़क पर करीब तीन फिट पानी में पालतू पशु बैठे नजर आए तो कुछ ग्रामीण इसी पानी में चारपाई बिछाकर अपने बच्चों के साथ बैठे थे। संपर्क मार्गों की हालत ऐसी की पानी से होकर बैलगाड़ी और ट्रैक्टर जा रहे थे, वहीं सड़क पर नाव चल ही थी।
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि केदारनाथ त्रासदी के साल भी यहां पर गंगा का पानी आ गया था। दो साल पहले भी जलभराव हुआ, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा पानी आया है। कई साल से ग्रामीण इस क्षेत्र में गंगा पर तटबंध की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। यदि समय रहते तटबंध बन जाता तो यहां के लोग भी बच जाते।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के करीब पांच गांवों से पिछले चार दिन में प्रशासन ने सौ से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला है। इनमें जहां गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं, वहीं अन्य लोग भी गांव से बाहर आए। इनमें लिए खानपुर खादर समेत पांच जगहों पर राहत शिविर लगाए गए, लेकिन अधिकांश लोग यहां रुकने के बजाय अपनी रिश्तेदारियों में चले गए।
-गांव रायपुर खादर निवासी इंटर की छात्रा वंदना ने कहा कि प्रत्येक साल बाढ़ आने से हफ्तों तक स्कूल कालेज नहीं जा पाते हैं। पढ़ाई का नुकसान होता है। दूसरे बच्चों से पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। साथ ही उपस्थिति कम हो जाती है। गंगा पर स्थाई तटबंध बनवाया जाए।
बजुर्ग महिला सुमरती ने एक स्वर में गंगा नदी पर तटबंध की मांग की। कहा कि हर साल परेशानी होती है, हमारी फसल खराब हो जाती है, इस पर भी शासन को ध्यान देना चाहिए।
किसान यशवीर सिंह ने कहा कि जो फसल नष्ट होती है, उसका बहुत कम मुआवजा मिलता है। हम कुछ नहीं मांग रहे बस गंगा पर तटबंध बनावा दो। ताकि इस परेशानी से छुटकारा मिल सके।
किसान यशराज सिंह ने कहा कि बाढ़ के पानी से फसल नष्ट होती है। गांव में पानी भरने से बीमारी फैलती है। मुआवजा नाम मात्र का मिलता है। गंगा पर तटबंध बनवाना ज़रूरी है। तभी हम गांववासी विकास कर सकते हैं।