नई दिल्ली। वास्‍तु शास्‍त्र में घर के हर हिस्‍से और दिशा के लिए नियम बताए गए हैं. इसके अनुसार रसोई, स्‍टडी, बेडरूम, टॉयलेट, ड्राइंग रूम, पूजा घर वास्‍तु शास्‍त्र में बताई गई दिशा के अनुसार बनाना चाहिए. वास्‍तु शास्‍त्र में टॉयलेट बनाने की सही दिशा बताई गई है. यदि गलत दिशा में टॉयलेट बना लिया जाए तो जीवन में कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. आइए जानते हैं टॉयलेट बनाने संबंधी जरूरी वास्‍तु टिप्‍स और नियम.

टॉयलेट बनाने के वास्‍तु नियम
– कभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा में टॉयलेट या शौचालय न बनवाएं. हालांकि इस दिशा में सोक पिट बनवा सकते हैं. इसके लिए सोक पिट का गड्ढ़ा थोड़ा सा उत्‍तर या थोड़ा सा पश्चिम में बन सकता है. इसी तरह यदि मजबूरी में टॉयलेट भी बनवाना पड़े तो उसे भी उत्‍तर-पश्चिम के बीचों बीच न बनवाकर किसी भी एक तरफ खिसकाकर बनवाएंगे.

– टॉयलेट दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाना सबसे अच्‍छा होता है क्‍योंकि इसे विसर्जन की दिशा मानी जाती है. सीवेज की पाइप लाइन भी इसी दिशा से निकालना अच्‍छा होता है.

– यदि उत्‍तर-पश्चिम में टॉयलेट बना हो तो हमेशा कर्ज बना रहता है इसलिए कर्ज लेने से बचना ही बेहतर है. यदि मजबूरी में लेना पड़े तो ऐसे नक्षत्रों या दिन में लें, जब कर्ज उतरने की संभावना ज्‍यादा रहती हो.

– घर में टॉयलेट की गलत दिशा पिता से रिश्‍ते खराब करती है. ऐसे घर में किरायेदार रखना भी कई समस्‍याएं पैदा करता है.

– यदि घर में उत्तर-पश्चिम दिशा में टॉयलेट बन चुका है और उसे हटाना संभव नहीं हो तो उस हिस्‍से में हमेशा सफेद रंग कराएं और उस दिशा में सफेद फूल वाले गमले रखें.