राजगढ़: पांच लाख, 10 लाख… नहीं 12 लाख… मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में कुछ इस तरह एक पंचायत बैठती है और यह रेट बहू और बेटियों की होती है। इन पंचायतों में बेटी और बहुओं की बोली लगाई जाती है। सबसे अधिक रुपए की बोली लगाने वाले को बेटी और बहू को सौंप दी जाती है। मंडी में बेटियों को बेचने वाले कोई और नहीं बल्कि उनके परिवार के लोग होते हैं। शादी के बाद पति अपनी पत्नी को बेचता है। यह मजबूरी ने एक सामाजिक प्रथा है, जो वर्षों से चली आ रही है। इसे नातरा झगड़ा प्रथा कहते हैं। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अब आवाज उठने लगी है। पिछले दिनों एक मामला सामने आया तो राजगढ़ एसपी ने महिला को आजाद करवाया और बेचने वाले शख्स को हनुमान जी की मंदिर में ले जाकर माफी मंगवाई।

वहीं, मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में यह प्रथा दशकों पुरानी है। यही वजह है कि हर साल जिले में दर्जनों मामले नातरा झगड़ा के दर्ज होते हैं। सामाजिक स्तर पर फैली इस बुराई को समाप्त करने के लिए स्थानीय स्तर पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। नातरा झगड़ा के चक्कर में कई युवतियों और महिलाओं के सपने टूट जाते हैं।

अभी राजगढ़ जिले के नातरा झगड़ा प्रथा की चर्चा इसलिए शुरू हो गई है कि वहां एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा एक बुजुर्ग से हनुमानजी के मंदिर में माफी मंगवा रहे हैं। बुजुर्ग महिला के सिर पर हाथ रखकर भगवान से माफी मांग रहा है कि आगे से ऐसा नहीं करेंगे। इसी वीडियो को लेकर सियासी घमासा छिड़ गया।

बताया जा रहा है कि एसपी जिस बुजुर्ग से हनुमान जी के सामने मांफी मंगवा रहे हैं, उसने अपने दोस्त की बेटी की बोली लगाई थी। युवती के पिता नहीं थे, उसका बाल विवाह हो गया था। अब वर महिला को रखना नहीं चाहता था। इसके बाद नातरा झगड़ा के लिए पंचायत हुई, जिसमें युवती की बोली लगी। बोली बुजुर्ग ने ही लगाई थी। एसपी को जब जानकारी मिली तो उन्होंने महिला को आजाद करवाया और उसके मां के हवाले कर दिया। साथ ही बुजुर्ग से माफी मंगवाते हुए कहलवाया कि आगे ऐसा नहीं करेंगे। इस बीच महिला की मां कहती है कि हमारी छोटी बेटी को भी डेढ़ लाख में बेच दिया है।

ऐसे में आपके मन में सवाल उठेगा कि यह नातरा झगड़ा होता है क्या? इसमें बेटियों की बोली क्यों लगती है तो आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं। दरअसल, राजगढ़ जिले के इन इलाकों में पहले बेटियों का बाल विवाह करवाया जाता है। शादी के बाद महिला ससुराल में जाकर रहती है। वहां कुछ दिनों तक उसका शोषण होता है। इसके बाद ससुराल के लोग रखने से मना करते हैं। इसके बाद लड़की को उसके घर भेज देते हैं।

महिला को छोड़ने के बाद पति तलाक भी नहीं देता है। पीहर पक्ष के लोग तलाक के लिए कहते हैं तो लाखों रुपए मांगे जाते हैं। इसके नातरा झगड़ा लगता है। नातरा झगड़ा में दोनों पक्षों के बीच गांव में पंचायत बुलाई जाती है। पंचायत दोनों पक्षों की सुनवाई करती है। लड़का पक्ष के लोग अपनी मांग रखते हैं। इस दौरान अगर लड़की पक्ष के लोग उनकी मांग पूरी करने में असमर्थ होते हैं तो लड़की की शादी दूसरे से करवाई जाती है। फिर वही पक्ष रुपए देता है। इसके बाद नातरा झगड़ा खत्म होता है। हर साल दर्जनों लड़कियां इस प्रथा का शिकार हो रही हैं। इस दौरान लड़की पिता और पति दोनों उस पंचायत में रहते हैं।

वहीं, लड़की वाले अगर उन्हें पैसे नहीं देते हैं तो ये लोग उन्हें परेशान भी करते हैं। प्रताड़ना के अलग-अलग मामले सामने आते हैं। इसके बाद मजबूर पिता अपनी बेटी को नातरा झगड़ा के पंचायत में ले जाने को मजबूर हो जाता है।

वहीं, नातरा झगड़ा की कुप्रथा को मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री नारायण सिंह पंवार ने भी स्वीकार किया है। मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री नारायण सिंह पंवार ने कहा कि जिले में नातरा झगड़ा जैसी कुप्रथा का प्रचलन लंबे समय से चल रहा है, जिले में दुर्भाग्य से ये प्रथा पनप गई है। जिले में बाल संबंध होते हैं, बाल सगाईयां होती हैं। संबंध टूट जाते फिर पक्ष-पक्ष आमने-सामने खड़े हो जाते हैं और हर्जाना मांगते हैं। यही झगड़ा होता है। राज्य मंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने नातरा झगड़े के मामले में जानकारी देते हुए बताया कि 2019 से लेकर 2024 तक 817 मामले दर्ज किए। इसके साथ ही पिछले 3 सालों में 458 मामले सामने आए हैं जो पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए। इनमें फसलों को नुकसान पहुंचाना, बच्चियों को प्रताड़ित करना है। राजगढ़ में शपथ ग्रहण समारोह अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।