नई दिल्ली. वैदिक ज्योतिष में राहु-केतु को उपछाया और पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है. यही वजह है कि लोग राहु-केतु के नाम से घबराते हैं. राहु केतु दोष किसी जातक की कुंडली में हो तो उसे जीवन भर कई कष्टों का सामना करना पड़ता है. घर में पैसों की तंगी छा जाती है, जिससे आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है. करियर में असफलता का सामन करना पड़ता है. घर में सदस्यों के साथ मन-मुटाव की स्थिति पैदा हो जाती है. हालांकि, कुंडली में राहु दोष हो तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपाय-टोटके बताए गए हैं.
नहाने के पानी में चंदन का पाउडर डालकर स्नान करने से कुंडली में राहु के दोष खत्म होता है. इस उपाय को लगातार 3 महीने तक करते रहें. इससे फायदा मिलेगा और सारी तकलीफें दूर होंगी. हनुमान जी और भगवान शंकर की पूजा करने से भी राहु और केतु परेशान नहीं करते हैं. ऐसे में अगर राहु-केतु दोष से परेशान हैं तो हर दिन शिव सहस्त्रनाम और हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. इससे कुंडली में राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते हैं.
राहु दोष से मुक्ति चाहते हैं तो चांदी का एक ठोस हाथी खरीद लाएं. इसको आप पूजाघर या घर की तिजोरी में भी रख सकते हैं. ऐसा करने और उसके हर दिन दर्शन से कुंडली में राहु के बुरे प्रभाव कम होने लगते हैं और करियर में उन्नति मिलती है.
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भी राहु-केतु के बुरे असर कम हो जाते हैं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से न सिर्फ मां प्रसन्न होती हैं बल्कि भक्तों को इन दो पापी ग्रहों की बुरी नजर से भी बचाती हैं.