नई दिल्ली। इस साल रक्षाबंधन का पावन पर्व 11 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर बाजारों में खासा उत्साह है। वहीं बहनों ने भी अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। राखी का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का पर्व है।
इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई भी अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। सनातन परंपरा में इस पर्व को बेहद खास माना जाता है। इसी दिन देवी लक्ष्मी ने दैत्यराज बलि को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था। सावन के महीने में श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व भी भगवान विष्णु को समर्पित है।
इस बार रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बार रक्षाबंधन के दिन यानी सावन पूर्णिमा के दिन तिथि शुरू होने के कुछ देर बाद भद्रा भी पड़ रही है। ऐसे में राखी का त्योहार 11 अगस्त को होगा या 12 को इसे लेकर काफी उलझन है। कुछ लोग जहां 11 अगस्त को राखी मनाने की बात कर रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को इसे मनाने की बात कर रहे हैं।
राखी बांधने से पहले भाई-बहन दोनों को व्रत रखना चाहिए। इस दिन बहनें सबसे पहले थाली सजाती हैं। इस प्रक्रिया में थाली में राखी, रोली, दीया, कुमकुम, अक्षत और मिठाई रखें। राखी बांधते समय सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक करें।
इसके बाद बहनों को अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधनी चाहिए। राखी बांधने के बाद बहनों और भाइयों की आरती करें। राखी बांधने के बाद भाइयों को अपनी बहनों के पैर छूने चाहिए। सनातन परंपरा में बहनें कन्या के रूप में होती हैं। कई जगह बहनें बड़े भाइयों के पैर छूती हैं।
यदि भाई आपसे बड़ा है तो उसके चरण स्पर्श कर भाई का आशीर्वाद लें। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं। बहनों की राखी बांधने के बाद भाई अपनी क्षमता के अनुसार बहनों को उपहार देते हैं। भाई भी इस बात का ध्यान रखे कि राखी को कभी भी खाली और खुले हाथों न बंधवाएं। हमेशा हाथ में कुछ पैसे और अक्षत रखें और अपनी मुट्ठी बंद रखें। ऐसा करने से घर में संपत्ति का वास बना रहता है।
ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।