। भाकियू के मंडल अध्यक्ष समेत दो के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिन पर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर फर्जी तरीके से रकम निकालने का आरोप है। इसी मामले में दो किसानों ने पंजाब नेशनल बैंक के मंडलीय कार्यालय पर धरना भी दिया।

मंडावर थाना क्षेत्र के गांव गोपालपुर भरुका निवासी महावीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया कि वह कृषि कार्ड बनवाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की चंदक शाखा में गया। बैंक प्रबंधक के कहने पर उसने भवानीपुर के रहने वाले सतेंद्र सिंह से मुलाकात की। आरोप है कि सतेंद्र ने बताया कि उसका भाई बाबूराम तोमर भाकियू नेता है। जिसने तीन दिन बाद भाकियू नेता बाबूराम तोमर से मुलाकात कराई। आरोप है कि इन दोनों ने एक कागज पर हस्ताक्षर करा लिए। बाद में उससे कहा गया कि कृषि कार्ड नहीं बन पाएगा। जब तहसील से अमीन रिकवरी लेकर आया तो पता चला कि उसके कृषि कार्ड से 12 लाख का कर्ज निकाला गया है।

मामले में मंडावर थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है। उधर, महावीर के साथ साथ द्वारिकापुरी का रहने वाला नरेश भी इसी तरह के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को पंजाब नेशनल बैंक के मंडलीय कार्यालय पर धरना देकर बैठ गया। नरेश का आरोप है कि सतेंद्र ने उसके किसान क्रेडिट कार्ड से करीत तीन लाख रुपये निकाले हैं।

साल 2017 में महावीर ने मेरे रिश्तेदार सतेंद्र से 1.35 लाख रुपये उधार लिए थे, यह रकम खाते में दी गई। यह रकम अभी वापस नहीं मिली है और आरोप लगाने वाले महावीर से मेरी कभी कोई मुलाकात भी नहीं हुई है। भाकियू अराजनैतिक के दिगंबर सिंह और ब्लॉक अध्यक्ष अंकित ने साजिश रचते हुए महावीर के माध्यम से यह झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है। सतेंद्र के साथ उनका नाम राजनैतिक द्वेष की वजह से घसीटा जा रहा है। अंकित और दिगंबर ने मेरे खिलाफ तीन साल पहले मारपीट का एक फर्जी मुकदमा लिखवाया था, मारपीट के इस केस में पुलिस ने उस वक्त फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। अब फिर से आरोप लगाने का मकसद ही टिकैत यूनियन को कमजोर और यूनियन को बदनाम करते हुए सरकार के हाथ मजबूत करना है। यदि किसान का कोई भी शोषण करता है तो उसके संग हमेशा भाकियू खड़ी रहेगी।