प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना को जिले में बड़ा झटका लग रहा है। घर-घर सर्वे और निगरानी के बावजूद प्रसव और प्रसव के बाद महिलाओं की मौत का सिलसिला जारी है। अप्रैल से 25 नवंबर तक 24 महिलाओं की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई गई जांच में पाया गया है कि नौ महिलाओं की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हुई हैं। सात की सेप्सिस, पांच की हाइपरटेंशन और तीन की मौत खून की कमी के चलते हुई है।
जांच रिपोर्ट के बाद गर्भवती महिलाओं की निगरानी बढ़ाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पांच गर्भवती की मौत दिल्ली के अस्पतालों में प्रसव के दौरान हुई हैं। दिल्ली सरकार द्वारा लिखित में स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई है। इनमें शहरी क्षेत्र की महिलाएं शामिल हैं।
क्षेत्र मौत
रजापुर 5
लोनी 3
भोजपुर 4
मुरादनगर 6
शहरी क्षेत्र 6
जांच में मौत के कारण
नौ महिलाओं की मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया
सात महिलाओं की मौत का कारण सेप्सिस बताया गया
पांच की मौत हाइपरटेंशन और तीन की खून की कमी से हुई मौत
अप्रैल से अब तक जिले में संस्थागत 44,215 प्रसव हुए हैं।
इनमें 9,597 सरकारी और 34,618 प्रसव निजी अस्पतालों में हुए हैं।
आन रिकार्ड 354 प्रसव घर पर हुए हैं।
फैक्ट्री में आरोपितों ने डाली 45 लाख की डकैती। (सांकेतिक तस्वीर)
राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं की घर-घर जाकर निगरानी की जा रही है। प्रसव के दौरान अथवा बाद में होने वाली मौत का आडिट कराया जाता है। प्रयास किया जा रहा है कि महिलाओं को जागरूक किया जाये। नियमित जांच और टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।