मुजफ्फरनगर। भोपा थानाक्षेत्र के बेलड़ा निवासी सगे दो भाई शफीक व नफीस ने स्ट्रॉबेरी की अच्छी फसल की पैदावारी कर उत्तराखंड तक अपनी पहचान बनाई है। इस परिवार ने मेहनत कर अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया हैं। यह परिवार अपने पास निजी भूमि नहीं होने के बावजूद ठेके पर जमीन लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहा हैं। शफीक ने बेलड़ा में 12 बीघा भूमि और नफीस ने उत्तराखंड में 22 बीघा भूमि में स्ट्रॉबेरी की फसल लगा रखी है।
लगभग 16 साल पूर्व बेलड़ा निवासी नफीस ने गांव में ठेके पर एक बीघा जमीन लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की थी। अच्छा मुनाफा होने पर नफीस को स्ट्रॉबेरी की पैदावारी रास आने लगी और नफीस ने अपने भाई शफीक को अपने साथ लगा लिया और बेलड़ा गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती करने का रास्ता दिखा दिया। खुद नफीस उत्तराखंड जाकर स्ट्रॉबेरी की पैदावारी करने लगा। आजकल नफीस उत्तराखंड के ज्वालापुर क्षेत्र में बीस बीघा भूमि में स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है।
छोटा भाई शफीक गांव बेलड़ा में ही स्ट्रॉबेरी की खेती करता रहा। उसके पास भी अपनी निजी भूमि नहीं है। उसने लगभग 12 बीघा भूमि गांव में ही नहर के निकट ठेका पर जमीन ले रखी है, जिसमें स्ट्रॉबेरी की अच्छी खासी फसल है। शफीक के साथ उसका बेटा शाबान, शहजाद, शाहरुख, सलमान, शावेज आदि परिजन भी सहयोग करते हैं। सलमान ने बताया कि उसके ताऊ नफीस उन्हें पहाड़ी इलाके से पौध खरीद कर लाकर देते हैं। अक्तूबर-नवंबर में पौध लगाई जाती है और तीन माह बाद फल आना शुरू हो जाता है। वह अपने परिवार के साथ खेत में दिन-रात मेहनत करते हैं, जिसके चलते उन्हें लगातार अच्छा मुनाफा हो रहा है।
शफीक व उसके बेटे सलमान ने बताया कि वह स्ट्रॉबेरी की अच्छी पैदावारी तो करते ही है। साथ ही सहफसल के रूप में तोरई, लौकी, ककड़ी, खीरा, लोभिया आदि की फसल भी लेते हैं। इन्हीं खेतों में उसने पॉपुलर के पेड़ भी लगाए हैं। अभी भी प्रतिदिन लगभग 60-65 किलो स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई की जा रही है। फुटकर में भी इसकी खूब बिक्री हो रही है।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन स्ट्रॉबेरी को दिल्ली मेरठ की मंडी में भेजते हैं जहां प्रारंभ में 600 से 700 रुपये किलो तक का भाव मिला। एक पेड़ से लगभग 3 किलो फल मिलता है। मई के आधे माह तक फल जारी रहता है। कांवड़ मार्ग पर वह स्ट्रॉबेरी की दुकान लगाते हैं, जहां अच्छी खासी बिक्री होती है।