नई दिल्ली.शनि 29 अप्रैल को अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश कर जायेंगे। जहां ये 29 मार्च 2025 तक विराजमान रहेंगे। इस अवधि में शनि कुछ राशि को बेहद शुभ परिणाम देंगे तो कुछ को अशुभ। ज्योतिष में शनि को न्याय प्रिय ग्रह माना जाता है जो कर्म और सेवा के कारक होने के साथ-साथ हर राशि के लोगों के कार्यक्षेत्र यानी नौकरी और व्यापार को प्रभावित करने का कार्य करते हैं। कुंडली में शनि की मजबूत स्थिति व्यक्ति को धनवान और समृद्धशाली बनाती है वहीं कमजोर स्थिति जीवन तमाम परेशानियों से भर देती है।
30 साल बाद हो रही है शनि की घर वापसी
शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। ये 24 जनवरी 2020 से ही मकर राशि में गोचर हैं। अब 29 अप्रैल 2022 में ये कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि शनि का इस राशि में गोचर करीब 30 सालों बाद हो रहा है।
शनि 29 अप्रैल 2022 को राशि बदलेंगे। फिर 5 जून को शनि वक्री हो जाएंगे। इसी दौरान 12 जुलाई को शनि पुन: मकर राशि में गोचर शुरू कर देंगे। जहां ये 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे। फिर कुंभ में फिर प्रवेश कर जायेंगे।
29 अप्रैल 2022 में इस राशि वालों को शनि साढ़े साती से मिलेगा छुटकारा
शनि के गोचर का वैसे तो सभी राशि वालों पर प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इससे मुख्य रूप से वो राशियां प्रभावित होंगी जिन पर शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या चल रही होगी। जानिए किस राशि वालों को इस दौरान शनि साढ़े साती से मिलेगी मुक्ति?
-29 अप्रैल को शनि के राशि परिवर्तन से धनु राशि के जातक कुछ समय के लिए शनि साढ़े साती से मुक्त हो जायेंगे। 29 अप्रैल से लेकर 12 जुलाई 2022 तक का समय धनु राशि वालों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होता। इस दौरान करियर में वृद्धि देखने को मिलेगी। लेकिन 12 जुलाई से धनु वाले फिर से शनि साढ़े साती की चपेट में आ जायेंगे।
-धनु राशि के लोग 12 जुलाई से लेकर 17 जनवरी 2023 तक शनि साढ़े साती की चपेट में रहेंगे। यानी इस राशि वालों को शनि साढ़े साती से पूर्ण रूप से मुक्ति साल 2023 में ही मिलेगी।
-12 जुलाई 2022 से लेकर 17 जनवरी 2023 तक धनु वालों को खास सावधानी बरतनी होगी। कार्यक्षेत्र में कष्टों से दो-चार होना पड़ सकता है।
शनि गोचर से इस राशि पर शुरू होगी शनि साढ़े साती
वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। शनि एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं। ज्योतिष में शनि की साढ़े साती के तीन चरणों का उल्लेख किया गया है। जिसमें हर चरण की अवधि ढाई साल की होती है। जानिए कुंभ राशि में शनि के गोचर से किन राशि के लोगों पर शनि साढ़े साती का कौन सा चरण शुरू हो जाएगा।
मकर राशि: 29 अप्रैल 2022 से 11 जुलाई 2022 तक इस राशि वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण रहेगा। 12 जुलाई से 17 जनवरी 2023 तक आप पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा। फिर 17 जनवरी 2023 से मकर वालों पर फिर से शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा।
कुंभ राशि: शनि इसी राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसलिए इस राशि वालों पर शनि साढ़े साती का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी। 29 अप्रैल 2022 से 11 जुलाई 2022 तक आप पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण रहेगा। फिर 12 जुलाई 2022 से लेकर 17 जनवरी 2023 तक आप फिर से शनि साढ़े साती के पहले चरण में चले जायेंगे।
मीन राशि: इस राशि वालों पर 29 अप्रैल 2022 से शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी। 11 जुलाई तक आप पर शनि साढ़े साती का पहला चरण रहेगा। लेकिन 12 जुलाई से लेकर 17 जनवरी 2023 तक की अवधि में आप शनि साढ़े साती से मुक्त रहेंगे।