नई दिल्ली। अमेरिकी आम चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। जेडी वेंस देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे। वह अमेरिकी राज्य ओहियो से संसद के सदस्य (सीनेटर) हैं। वेंस जब छह साल के थे, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। जेडी वेंस की मां ने पांच शादियां की थीं। रिपब्लिकन सीनेटर की पत्नी ऊषा भारतीय मूल की हैं।
अमेरिका में आम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने करीब चार साल बाद सत्ता में वापसी की है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रटिक पार्टी की कमला हैरिस को हरा दिया है। ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। वहीं उनके रनिंग मेट जेडी वेंस उपराष्ट्रपति की कुर्सी संभालेंगे। मनोनीत उपराष्ट्रपति वेंस का भारत से भी खास नाता है। जेडी वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस भारतीय मूल की हैं।
अमेरिकी आम चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति जबकि जेडी वेंस उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीता है। जेडी वेंस अमेरिकी राज्य ओहियो के एक सीनेटर हैं। सीनेटर अमेरिकी संसद कांग्रेस के उच्च सदन के सदस्य होते हैं। वेंस को 2022 में अमेरिकी सीनेट के लिए चुना गया था और 3 जनवरी 2023 को पद की शपथ दिलाई गई।
जेडी का जन्म अगस्त 1984 में ओहियो राज्य के मिडलटाउन शहर में हुआ था। सीनेटर वेंस की मां बेवर्ली वेब ऐकिंस ने पांच शादियां की थीं और जेडी ऐकिंस के दूसरे पति से बेटे हैं। पीपल पत्रिका के अनुसार, बेवर्ली वेब ऐकिंस ने पहली बार 1979 में उनकी बहन लिंडसे को जन्म दिया जब ऐकिंस सिर्फ 19 साल की थीं। ऐकिंस ने 1983 में डोनाल्ड वोमेन से दूसरी शादी की। ऐकिंस और डोनाल्ड बोमन ने 2 अगस्त 1984 को जेडी को जन्म दिया। दोनों बच्चों की परवरिश मिडलटाउन, ओहियो में हुई। मिडलटाउन कभी एक समृद्ध अमेरिकी विनिर्माण शहर था जहां ओहियो के लोग एक बेहतर जीवन जी सकते थे। समय के साथ उनमें से कई अच्छी नौकरियां गायब हो गईं और जेडी के परिवार को कई अन्य लोगों के साथ इसका असर झेलना पड़ा। घर और स्कूल में अशांति आम बात थी।
अपने चर्चित संस्मरण ‘हिलबिली एलेजी’ में वेंस ने लिखा है कि वह छह वर्ष के थे जब उनके माता-पिता का आधिकारिक रूप से तलाक हो गया, हालांकि उनके पिता डोनाल्ड कुछ वर्ष पहले ही परिवार छोड़ चुके थे। वेंस का कहना है कि तलाक के बारे में उन्हें उनकी मां ने ही बताया था, उन्होंने बस इतना कहा था कि वे अपने पिता को फिर कभी नहीं देख पाएंगे।
डोनाल्ड से अलग होने के बाद बेवर्ली कई रिश्तों में रहीं, जिसके कारण जेडी के लिए पिता के रूप में कई रिश्ते बने। जेडी की मां ऐकिंस ने बॉब हैमेल से तीसरी शादी की जिन्होंने छोटे बच्चे जेडी को गोद लिया। इसी के साथ जेडी वेंस के नाम बदलने की कहानी भी शुरू होती है। वेंस का दूसरा नाम जन्म के समय उनके जैविक पिता डोनाल्ड बोमन के नाम पर डोनाल्ड था। 1984 में बच्चे का नाम बदलकर जेम्स डेविड हैमेल कर दिया गया। बेवर्ली ने ‘जे.डी.’ उपनाम को बनाए रखने के लिए अपने पूर्व पति के पहले नाम के स्थान पर अपने चाचा का नाम रख लिया।
हालांकि, बेवर्ली और हैमेल अंततः अलग हो गए जिसके कारण जेडी का नाम फिर से बदल गया। बेवर्ली के चौथे पति केनेथ वार्नर जबकि पांचवें टेरी ऐकिंस हुए। वेंस ने संस्करण में लिखा, ‘ईमानदारी से कहूं तो सबसे बुरी बात यह थी कि बॉब के जाने से हमारे परिवार में उपनामों का उलझा हुआ जाल और भी जटिल हो जाएगा।’ जब उनके नाना-नानी उनकी देखभाल करने लगे तो जे.डी. ने अंततः अपना मातृ उपनाम ‘वेंस’ अपना लिया।
बेवर्ली एक नर्स थीं और अपने काम के माहौल में उन्हें डॉक्टर के पर्चे पर मिलने वाली दवाइयां मिलती थीं। पीपल पत्रिका के अनुसार, उनकी नशीली दवाओं की लत और दुरुपयोग इतना बढ़ गया था कि उसमें हेरोइन भी शामिल हो गई थी। सीनेटर ने लिखा है कि मां की लत का दौर उनके जीवन के सबसे कठिन साल थे। उन्होंने बताया कि लत पूरे परिवार से कुछ ऐसा छीन लेती है जिसकी भरपाई वे कभी नहीं कर सकते। एक समय ऐसा आया जब जेडी 12 वर्ष के थे और मां बेवर्ली को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया, ‘मैं बहुत दुखी था और बहुत अकेला महसूस कर रहा था क्योंकि मैं इस पुलिस क्रूजर के पीछे बैठा था उन्होंने मेरी मां को गिरफ्तार किया था।’
बेवर्ली द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने के बाद आखिरकार जेडी को उनके नाना-नानी की देखभाल में रखा गया था। जेडी के नाना-नानी, जेम्स और बोनी वेंस यूनियन डेमोक्रेट हैं जिन्हें वे अपने पालन-पोषण का श्रेय देते हैं।
जब जे.डी. वेंस किशोर थे, तो उनके पिता कुछ समय के लिए उनके जीवन में वापस आये और उनकी संगीत रुचि को छुड़ा दिया। जेडी ने अपने संस्मरण में लिखा, ‘जब हम पहली बार फिर से मिले, तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें क्लासिक रॉक मेरी पसंद नहीं है। उन्होंने बस सलाह दी कि मैं इसके बजाय क्रिश्चियन रॉक सुनूं।’
2003 में मिडलटाउन हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद जेडी वेंस मरीन कॉर्प्स (अमेरिकी नौसेना) में भर्ती हुए। इस दौरान उन्होंने द्वितीय मरीन एयरक्राफ्ट विंग के पब्लिक अफेयर्स सेक्शन में कॉर्पोरल के रूप में इराक में सेवा की।
2010 में येल लॉ स्कूल में दाखिला लेने से पहले उन्होंने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान और दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। वेंस ने येल में पढ़ाई के दौरान अपने गुरु और बैटल हाइमन ऑफ द टाइगर मदर की लेखिका एमी चूआ के सुझाव पर एक संस्मरण पर काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं एक सार्थक किताब लिख सकता हूं, यह विचार एक तरह से अहंकारी और अभिमानी था। लेकिन फिर मैंने यहां-वहां छोटी-छोटी चीजें लिखना शुरू कर दिया।’
2013 में जेडी वेंस जब येल लॉ स्कूल में छात्र थे, तब उनकी मुलाकात भारतीय मूल की उषा चिलुकुरी से हुई। येल में पढ़ाई के दौरान, उषा येल लॉ जर्नल की कार्यकारी विकास संपादक और येल जर्नल ऑफ लॉ एंड टेक्नोलॉजी की प्रबंध संपादक थीं। उन्होंने येल में पढ़ाई के दौरान कई प्रोजेक्ट्स में भाग लिया। 2014 में वेंस और उषा के येल लॉ स्कूल से स्नातक होने के एक वर्ष बाद इस जोड़े ने विवाह कर लिया। वेंस और उषा के तीन बच्चे हैं: दो बेटे, इवान और विवेक और एक बेटी जिसका नाम मिराबेल है। वेंस ने दिसंबर 2021 में इंस्टाग्राम पर अपने तीसरे बच्चे के जन्म की जानकारी दी थी। चिलुकुरी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स और तत्कालीन डीसी सर्किट जज ब्रेट कैवनघ के लिए क्लर्क बन गईं। अब वह वकालत करती हैं।
वेंस अक्सर अपने करियर में उषा के सहयोग के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने अपनी पत्नी को अपने ‘येल स्पिरिट गाइड’ बताया, जब वे साथ पढ़ाई करते थे। उन्होंने कहा, ‘उषा सहज रूप से उन प्रश्नों को समझ लेती थीं, जिनके बारे में मैं नहीं जानता था कि उन्हें पूछना चाहिए और वह हमेशा मुझे ऐसे अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती थीं, जिनके के बारे में मुझे पता भी नहीं था।’ वेंस ने कहा, ‘मैं उन लोगों में से एक हूं, जिन्हें अपने बाएं कंधे पर एक शक्तिशाली महिला की आवाज से वास्तव में फायदा होता है, जो कहती है, ऐसा मत करो, ऐसा करो।
2016 के चुनाव के दौरान वेंस डोनाल्ड ट्रंप के मुखर आलोचक के रूप में उभरे। उन्होंने अक्तूबर 2016 में कहा था, ‘मैं कभी भी ट्रंप का समर्थक नहीं हूं।’ वेंस कहते हैं कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान वे ट्रंप की नीतियों का समर्थन करने लगे थे। उन्होंने कहा कि 2020 में ट्रंप को ही वोट दिया था। 2019 में वेंस ने ओहियो में स्थित अपनी खुद की उद्यम कंपनी नार्या की स्थापना की। वहीं अगस्त 2019 में उन्होंने कैथोलिक चर्च में बपतिस्मा अपना लिया है।
आखिरकार 1 जुलाई 2021 को वेंस ने ओहियो में सीनेट के लिए चुनाव लड़ने के लिए अभियान की घोषणा की। वेंस ने कई दिनों बाद चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप के बारे में कहा, ‘मुझे उस आदमी के बारे में गलत होने का पछतावा है। मुझे लगता है कि वह एक अच्छे राष्ट्रपति थे, मुझे लगता है कि उन्होंने लोगों के लिए बहुत सारे अच्छे फैसले लिए और मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत आलोचना झेली। वह मेरे जीवनकाल के सबसे अच्छे राष्ट्रपति हैं।’
अप्रैल 2022 में ट्रंप ने वेंस का समर्थन किया। ट्रंप ने बाद में कहा, ‘जेडी मेरी पीठ थपथपा रहा है, वह मेरा समर्थन इतना चाहता है।’ 8 नवंबर 2022 को वेंस ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार टिम रयान को हराकर सीनेटर कि कुर्सी हासिल की। अपने विजय भाषण में उन्होंने अपनी मां को धन्यवाद दिया। सीनेट में वे ट्रंप के कट्टर समर्थक के रूप में उभरे। अपनी वफादारी का प्रदर्शन करते हुए वेंस उन कई संभावित रनिंग मेट (उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार) और रिपब्लिकन सांसदों में से एक थे, जो इस वर्ष के शुरू में ट्रंप के खिलाफ आपराधिक धन संबंधी मुकदमे के दौरान न्यूयॉर्क की अदालत में उनके साथ खड़े रहे थे।
दोनों की मुलाकात ट्रंप के मार-ए-लागो क्लब में उसी दिन हुई थी जिस दिन ट्रंप के कान में गोली लगी थी। फिर दो दिन बाद ट्रंप ने वेंस को फोन करके टिकट देने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर अपनी पसंद की घोषणा की। आखिरकार 15 जुलाई 2024 को मिल्वौकी में 2024 रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में वेंस को औपचारिक रूप से डोनाल्ड ट्रंप के उपराष्ट्रपति के रूप में नामित किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि वेंस कामकाजी वर्ग के मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं। उन्होंने जेडी की पत्नी और भारतीय अप्रवासियों की बेटी उषा वेंस को भी अल्पसंख्यक मतदाताओं को आकर्षित करने वाली एक व्यक्ति के रूप में इंगित किया।
अमेरिका आम चुनाव जीतकर रिपब्लिकन पार्टी ने सत्ता में वापसी कर ली है। आखिरकार सांसद बनने के मात्र दो वर्ष बाद ही ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस उपराष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। 40 वर्षीय वेंस अमेरिकी इतिहास में तीसरे सबसे युवा उपराष्ट्रपति बनेंगे।