नई दिल्ली | 14 दिसंबर 2024, 6:28 PM IST प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा के लिए आज लोकसभा में हिस्सा लेंगे. भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आज लोकसभा में बहस होनी है. पीएम बहस का जवाब देंगे. लोकसभा के बाद 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में बहस होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर चर्चा के लिए आज लोकसभा में हिस्सा लेंगे. भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आज लोकसभा में बहस होनी है. पीएम बहस का जवाब देंगे. लोकसभा के बाद 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में बहस होगी. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के कई शीर्ष नेता चर्चा में भाग लेंगे. आज लोकसभा में हंगामे के आसार भी हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब दिए जाने के साथ संविधान पर विशेष बहस का समापन होगा. इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह सोमवार 16 दिसंबर को राज्यसभा में बहस शुरू करने वाले हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गुरुवार को अपने सांसदों को तीन-लाइन व्हिप जारी किया, जिसमें उन्हें 13-14 दिसंबर को भारत में संविधान पर निर्धारित बहस के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया.
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय ऐसा था जब देश के एक हिस्से में बिजली होती थी लेकिन सप्लाई नहीं हो पाती थी. वन नेशन, वन ग्रिड ने इस समस्या को दूर करते हुए पूरे देश में बिजली आपूर्ति को सुचारू और प्रभावी बनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है. इससे भारत में एक साझा बाजार का निर्माण हुआ है, जिससे व्यापार और उद्योग को नई गति मिली है. डिजिटल क्षेत्र में समानता पर बल देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का युग बदल चुका है. हम नहीं चाहते कि डिजिटल क्षेत्र में “हैव्स और हैव्स नॉट्स” (विभाजित समाज) की स्थिति बने. डिजिटल क्रांति के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि, हम विविधता को celebrate करते हैं लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे. ऐसे लोग विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे जिससे एकता को चोट पहुंचे. आर्टिकल 370 देश की एकता में रुकावट बना हुआ था, इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भारत की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए कहा कि संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भारत की एकता है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता पर विकृत मानसिकता और स्वार्थ की राजनीति के कारण गंभीर प्रहार किए गए. पीएम मोदी ने कहा, “हमारी संस्कृति और परंपरा में विविधता को सेलिब्रेट करने की परंपरा है, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने हमेशा विविधता में विरोधाभास खोजने की कोशिश की.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी के बाद विकृत मानसिकता या स्वार्थ के चलते सबसे बड़ा प्रहार देश की एकता और अखंडता पर हुआ.” उन्होंने यह भी कहा कि देश को इन चुनौतियों से उबरने और एकजुट रहने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि देश की प्रगति और विकास की कुंजी उसकी एकता में निहित है. उन्होंने कहा कि जब देश एकजुट होकर काम करता है, तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है.
प्रधानमंत्री ने देश की तेज आर्थिक प्रगति पर जोर देते हुए कहा, “आज भारत तेज गति से विकास कर रहा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि हर भारतीय की मेहनत और दृढ़ संकल्प का नतीजा है. प्रधानमंत्री ने कहा, “महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है. जब नारी शक्ति आगे बढ़ेगी, तो देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा.” पीएम मोदी ने कहा, “हमारा लोकतंत्र और हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया के लिए प्रेरणा बन रहे हैं. भारत का भविष्य उज्ज्वल है, और यह विकास यात्रा अनवरत जारी रहेगी.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए इसे महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में अधिक अवसर देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा. पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया. आज, संसद में महिला सांसदों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.”
पीएम मोदी ने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को उसकी संस्कृति का हिस्सा बताते हुए कहा, “भारत का लोकतंत्र बहुत समृद्ध रहा है. यह हमारी संस्कृति और परंपरा में गहराई से निहित है.” उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने 75 साल में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं. लोकतंत्र ने हमें हर चुनौती को पार करने और आगे बढ़ने की ताकत दी है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में अपने संबोधन में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए उनके योगदान को याद किया. पीएम ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा और इसकी उपलब्धियों को असाधारण बताया. पीएम मोदी ने कहा, “राजर्षि टंडन और बाबा साहेब अंबेडकर जैसी महान विभूतियों ने भारत की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. उनका योगदान अमूल्य है.” प्रधानमंत्री ने 75 साल की लोकतांत्रिक यात्रा को देश के नागरिकों की महान उपलब्धि बताते हुए कहा, “मैं इस महान उपलब्धि के लिए देश के नागरिकों को नमन करता हूं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर अपने संबोधन में कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और हमारा गणतंत्र पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा, “यह हमारे लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का अवसर है. भारत का नागरिक हर कसौटी पर खरा उतरा है और हमारे लोकतंत्र की सफलता का आधार रहा है.”
लोकसभा में शीतकालीन सत्र जारी है. इस दौरान संविधान के 75 वर्ष के मौके पर संविधान पर चर्चा चल रही है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में पहुंचे हैं, जहां सदस्यों ने उनका जोरदार स्वागत किया. सदन में प्रधानमंत्री का स्वागत ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ किया गया, जिससे पूरा संसद परिसर गूंज उठा. थोड़ी देर में वह लोकसभा को संबोधित करेंगे.