गाजियाबाद। यूपी बोर्ड की परीक्षा में टॉप 20 में शामिल छात्रा मंतशा के गांव तक सड़क बनाने की सरकारी योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई है। सड़क निर्माण के लिए बजट तैयार कर शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन न राशि आई और न ही सड़क पर रोलर चला। सड़कों पर धूल उड़ रही है। बारिश के दिनों में यहां से गुजरना काफी मुश्किल होता है।
योगी सरकार ने दसवीं की परीक्षा में टॉप करने वाले छात्रों, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों और शहीदों के गांव तक उनके नाम से सड़क बनाने की योजना बनाई थी। 2020 में डासना के बाजीगिरान मोहल्ले की मंतशा दसवीं में जिले में टॉप किया तो उन्हें बधाई देने वाले घर पहुंचने लगे। पिता टेलर का काम करते हैं, बताया कि जितनी आमदनी होती है उससे बड़ी मुश्किल से घर का खर्चा चलता है।
बेटी की इस कामयाबी पर उनको नाज है। जिला मुख्यालय से मंतशा के नाम से उनके गांव की सड़क बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया। एनएच-9 स्थित डासना से बाजीगिरान तक करीब सवा किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से 78 लाख 39 हजार का बजट तैयार किया गया और प्रस्ताव 12 जुलाई 2021 को भेजा गया, लेकिन दो साल बाद भी सड़क पर कोई काम नहीं हो सका। अधिशासी अभियंता विमल कुमार ने बताया कि बजट के लिए रिमाइंडर भेजा गया है।