नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रविवार को जनरल टिकट बुकिंग की शिफ्ट इंचार्ज दो घंटे तक लिफ्ट में फंसी रहीं। ड्यूटी से उनके अचानक गायब होने के बाद पूरे रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया। रेलवे के अधिकारी घर तक उनकी तलाश करते रहे। किसी ने लिफ्ट का अलार्म काफी देर तक बजाने पर ध्यान दिया तो पता चला कि महिला अधिकारी लिफ्ट में फंसी हैं। मौके पर पहुंची लिफ्ट मेंटिनेस की टीम ने महिला को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। लिफ्ट में फंसने के कारण महिला अधिकारी की तबीयत खराब हो गई, वह बेहोशी की हालत में पहुंच गईं थीं। घटना से दो घंटे पहले ही लिफ्ट को ठीक कराया गया था, उसके बाद यह घटना हुई।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अजमेरी गेट की तरफ प्लेटफार्म नंबर 16 के पास अनारक्षित टिकट का कार्यालय है। रविवार को रीता रानी अनारक्षित टिकट कि शिफ्ट इंचार्ज थीं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर वह फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर टिकट का रोल देने के लिए गईं थी। ऊपर आने के लिए वह लिफ्ट में गईं। लिफ्ट बीच में ही रुक गई। रीता करीब 1 घंटे 45 मिनट तक लिफ्ट का अलार्म बजाती रहीं। उन्होंने अपना मोबाइल अपने कार्यालय के काउंटर पर ही छोड़ दिया था। ऐसे में वह किसी को फोन कर नहीं बता सकीं की वह लिफ्ट में फंसी हैं। वह लिफ्ट का अलार्म बजती रहीं, लेकिन आवाज बहुत कम होने और भीड़ होने के कारण किसी को सुनाई नहीं दी।

रीता लिफ्ट में करीब पौने दो घंटे तक अलार्म बजाती रहीं। किसी ने लगातार अलार्म बजने की आवाज सुनी तो रेलवे स्टाफ को बताया। इसके बाद लिफ्ट के मेंटेनेंस स्टाफ को बुलाया गया। स्टाफ ने करीब 15 मिनट में रीता को रेस्क्यू कर लिफ्ट से बाहर निकाला। रीता बहुत ज्यादा घबराने के कारण बेहोशी की हालत में पहुंच गईं थीं।

रेलवे सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगी लिफ्ट आए दिन खराब हो जाती हैं। दो दिन पहले एक और अधिकारी लिफ्ट में फंस गए थे। जिस लिफ्ट में रीता फंसी थीं। उसे दो घंटे पहले ही मेंटेनेंस कंपनी ने ठीक किया था। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कहना है कि रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट के मेंटेनेंस का काम जॉनसन कंपनी को दिया गया है। घटना के बाद लिफ्ट का आर्लाम सिस्टम 24 घंटे निगरानी वाले कंट्रोल रूम से जोड़ने की बात रेलवे अधिकारी कह रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस घटना जांच के आदेश दिए गए है कि देर तक आर्लाम बजने के बाद भी तुरंत प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी जा सकी।