नई दिल्ली. महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी को ऑल टाइम बेस्ट फिनिशर के रूप में जाना जाता है. विकेट के पीछे माही का कोई सानी ही नहीं है. 15 साल के इंटरनेशनल करियर में रांची के राजकुमार ने कई रिकॉर्ड कायम किए. उन्हीं में से एक है विकेट के पीछे स्टंपिंग का. धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कुल 195 स्टंपिंग किए हैं जोकि वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
दाएं हाथ के बल्लेबाज धोनी विकेट के पीछे स्टंपिंग करने में चीते सी फुर्ती दिखाते थे. उन्होंने वनडे इंटरनेशनल में 123, टी20 में 34 और टेस्ट में 38 खिलाड़ियों को स्टंपिंग के जरिए पवेलिया भी राह दिखाई है. मौजूदा समय में धोनी के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के आसपास भी कोई नहीं है. श्रीलंका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा इस लिस्ट में 139 स्टंपिंग (टेस्ट, वनडे और टी20) के साथ दूसरे नंबर पर हैं.
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर इस खेल के बादशाह हैं. सचिन के अपने 24 साल के क्रिकेट करियर में कई उपलब्धियां हासिल की है. सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 सेंचुरी हैं. उन्होंने टेस्ट में 51 जबकि वनडे इंटरनेशनल में 49 शतक लगाए हैं. मास्टर ब्लास्टर के इस रिकॉर्ड को तोड़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम 71 शतक हैं जबकि रन मशीन कहे जाने वाले विराट कोहली 71 शतकों के साथ इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं. तीन साल पहले कहा जा रहा था कि विराट क्रिकेट के भगवान के इस रिकॉर्ड को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से कोहली 70 इंटरनेशनल शतकों पर भी बने हुए हैं. कोहली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जड़े हुए लगभग तीन साल हो चुका है.
वर्ल्ड क्रिकेट में हिटमैन के नाम से फेमस रोहित शर्मा मौजूदा समय के विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में शुमार हैं. बतौर सलामी बल्लेबाज रोहित ने लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है. 35 वर्षीय रोहित के नाम वनडे में 264 रन की पारी खेलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है. रोहित ने 8 साल पहले श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंदों पर यह रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी. किसी खिलाड़ी के लिए रोहित के इस रिकॉर्ड को तोड़ना असंभव है.
रोहित शर्मा वनडे में तीन बार दोहरा शतक जड़ चुके हैं. यह उपलब्धि हासिल करने वाले रोहित दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं. दाएं हाथ के बल्लेबाज रोहित ने इस मैराथन पारी में 33 चौके और 9 छक्के जड़े थे. हालांकि इस पारी में रोहित जब 4 रन पर खेल रहे थे तब श्रीलंकाई क्षेत्ररक्षकों ने उनका कैच टपका दिया था. इसके बाद उन्होंने 260 रन और जोड़े.
भारतीय क्रिकेट टीम की दीवार रहे राहुल द्रविड़ ने अपने क्रिकेट करियर कई रिकॉर्ड कायम किए. 16 साल के टेस्ट करियर में द्रविड़ ने सबसे अधिक गेंदों का सामना किया और सबसे ज्यादा समय क्रीज पर बिताया है. द्रविड़ के सामने गेंदबाजों के लिए गेंदबाजी करना काफी मुश्किल होता था. द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में कुल 31, 258 गेंदों का सामना किया है. ऐसा करने वाले वह दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने यह उपलब्धि महज 164 टेस्ट मैचों में हासिल की है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर महान सचिन तेंदुलकर हैं, जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में कुल 29,437 गेंदों का सामना किया. द्रविड़ ने इस दौरान कुल 44,152 मिनट क्रीज पर बिताए हैं. इस मतलब हुआ कि वह लगभग 736 घंटे तक क्रीज पर रहे, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
मौजूदा समय के क्रिकेट फैंस शायद ही बापू नाडकर्णी से वाकिफ हों. साठ के दशक में इस दिग्गज ऑलराउंडर की स्पिन गेंदों का सामना करना बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता था. बाएं हाथ के इस स्पिन गेंदबाज के नाम एक टेस्ट मैच में लगातार 21 ओवर मेडन डालने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
बापू नाडकर्णी ने 12 जनवरी 1964 को मद्रास (अब चेन्नई) में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 21 ओवर मेडन डाले थे. हालांकि उस पारी में इस दौरान उन्हें कोई विकेट हासिल नहीं हुआ था. उन्होंने सिर्फ 5 रन खर्च किए थे. नाडकर्णी ने 32 ओवर की गेंदबाजी में 27 ओवर मेडन डाले थे जबकि सिर्फ 5 रन खर्च किए थे. उनकी गेंदबाजी इकॉनोमी 0.15 की रही थी. इस रिकॉर्ड को अब शायद की कोई गेंदबाज तोड़ पाए.