लखनऊ। युवाओं को देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों में शामिल करने से पहले पीएफआइ के सक्रिय सदस्य फेसबुक व इंटरनेट मीडिया के माध्यमों से उनका ब्रेन वाश करते थे। इस काम के लिए इन्हें केरल से लेकर अन्य राज्यों में होने वाले कार्यशालाओं में प्रशिक्षण दिया जाता था। इसके साथ ही उन्हें हर केस के लिए हिसाब से धनराशि भी दी जाती थी। इसकी जांच भी एटीएस ने शुरू कर दी है।
हाल ही में बड़े पर्दे पर रिलीज हुई द केरल स्टोरी की तर्ज पर सक्रिय सदस्यों की तरफ से पीएफआई के साथ युवाओं को जोड़ा जाता था। रविवार को गिरफ्तार परवेज व रईस अहमद इसी काम में जुटे थे। एटीएस ने इनकी एक वर्ष की गतिविधियों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हिरासत में लिए 70 अन्य लोगों की भी पड़ताल की जा रही है। डिजिटल मीडिया पर यह लोग कौन-कौन सी वेबसाइटों पर सक्रिय थे।
फेसबुक के अलावा इंटरनेट मीडिया के कौन-कौन से माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे थे। इनके बैंक खातों में बीते दो वर्ष में कितनी धनराशि कहां-कहां से भेजी गई थी। इन्होंने धनराशि किसको स्थानांतरित की है इसकी भी जांच की जा रही है। युवाओं का ब्रेन वाश करने के बाद उन्हें कार्यशालाओं में शामिल किया जाता था। उससे पहले उनकी गतिविधियों पर सक्रिय सदस्यों की तरफ से नजर रखी जाती थी।
एडीजीएटीएस के मुखिया एडीजी नवीन अरोड़ा ने कहा कि केन्द्रीय व राज्य की एजेंसियां आरोपितों से पूछताछ कर रही हैं। इनके बैंक खातों से लेकर इंटरनेट मीडिया पर बने इनके खातों की भी जांच की जा रही है। काफी जानकारियां मिली हैं।
प्रशांत कुमारस्पेशल डीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि अभी तक कई जानकारियां मिली हैं। आरोपितों से आगे की पूछताछ भी की जा रही है। शनिवार और रविवार को नोएडा, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी व आजमगढ़ की एटीएस की टीमों ने अभियान चलाया था।