आगरा। दोहरे हत्याकांड से आगरा 23 जून 2015 को दहल गया था। घर में घुसकर अधिवक्ता की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जब बारीकी से छानबीन की तब हत्याकांड का आरोपित पकड़ा गया। आरोपित के पकड़े जाने से सभी हैरान रह गए थे। दो हत्याओं का आरोपित कोई और नहीं बल्कि अधिवक्ता का सगा भतीजा था। पुलिस ने चार्जशीट फाइल की और दमदारी से केस लड़ा। दो हत्याओं का दोषी मानते हुए आरोपित भतीजे गौरव गुलाटी को एडीजे मोहम्मद राशिद ने आजीवन कारावास का आदेश सुनाया।
दोहरा हत्याकांड आगरा की पाश कालोनी थाना हरीपर्वत क्षेत्र के खंदारी कालाेनी का है। यहां के निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीन गुलाटी की पत्नी रमा और बेटी दीक्षा की 23 जून 2015 को घर में ही हत्या की गई थी। पुलिस ने 30 जून 2015 को अधिवक्ता के भतीजे प्रतापपुरा निवासी गौरव गुलाटी को गिरफ्तार कर वारदात का पर्दाफाश किया था। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने साक्ष्य जुटाने के बाद गौरव गुलाटी के खिलाफ लूट, हत्या और साक्ष्य नष्ट करने की धारा में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसमें 25 गवाहों की गवाही शामिल थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाहों की गवाही कराई। इनमें वादी प्रवीन कुमार गुलाटी, उनकी बेटी निधि गुलाटी, पीएम करने वाले चिकित्सक,विवेचक, आरोपित की गिरफ्तारी करने वाली टीम में शामिल पुलिसकर्मी, पंचनामा भरने वाले, विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक व अन्य शामिल हैं। अदालत ने आरोपित गौरव गुलाटी को साक्ष्यों को आधार पर दोषी करार दे दिया। जेल से आरोपित को भी अदालत में तलब किया गया था। आरोपित के सामने ही अदालत ने उसे आजीवन कारावास देने का आदेश सुनाया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपित गौरव गुलाटी ने गिरफ्तारी के बाद जानकारी दी थी कि हत्याकांड से कुछ महीने पहले प्रवीन कुमार गुलाटी की बेटी निधि की शादी थी। इसमें गौरव, उसकी बहन अंकिता और पिता सुनील भी शामिल हुए थे।
किसी बात पर सुनील से प्रवीन कुमार की पत्नी रमा की कहासुनी हो गई थी। गौरव को तब लगा था कि ताई ने उसकी बहन और पिता का अपमान किया है। इसी अपमान का बदला लेने को उसने ताई की हत्या की थी। मानसिक रूप से कमजोर दीक्षा उसकी बहन थी लेकिन दीक्षा ने गौरव को पहचान लिया था, इसी डर से उसने दीक्षा को मार दिया था।