नई दिल्ली। मोर पंख को भगवान कृष्ण के मस्तक का ताज कहा जाता है. यह उनके मुकुट की पहचान रही है. भगवान से जुड़ा होने के कारण मोर पंख को बहुत शुभ माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि जब शक्तिशाली असुर संध्या ने भगवान शिव से वरदान हासिल कर तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया था, तब सभी देवी- देवता उसे पराजित करने के लिए मोरपंख के रूप में विराजित हो गए. इन दोनों वजहों से अधर में लटके कार्यों को पूरा करने के लिए मोरपंख का इस्तेमाल किया जाता है. आज हम मोरपंख के विभिन्न उपायों से आपको अवगत कराते हैं.
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष बना हुआ है, जिसके चलते आपके कोई भी काम सफल नहीं हो पा रहे हैं तो आप मोर पंख का उपाय कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ऐसे दोष से पीड़ित लोग अपनी कमीज की जेब में मोर पंख रखना शुरू कर दें. ऐसा करने से सोया हुआ भाग्य जाग उठता है और कुंडली से राहु दोष दूर हो जाता है.
जो बच्चे पढ़ने में थोड़े कमजोर होते हैं, उनके लिए भी मोर पंख का उपाय फायदेवाला साबित हो सकता है. इसके लिए उन्हें कॉपी-किताबों के बीच मोरपंख रख लेना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से स्मरण शक्ति तेज हो जाती है और पढ़ी हुई बात को बच्चा जल्दी से भूलता नहीं है.
अगर आपके घर में अक्सर कलह रहती है. मानसिक तनाव से आप परेशान हो चुके हैं तो आप जल्द से जल्द मोर पंख का उपाय कर लें. आप मोर पंख लेकर सामने दिखने वाली किसी भी साफ जगह पर लगा दें.
जो लोग खूब मेहनत के बावजूद परेशानियां झेलने को मजबूर होते हैं, वे मोर पंख का उपाय करके अपनी आर्थिक दशा सुधार सकते हैं. ऐसे लोगों को घर-दुकान की दक्षिण-पूर्व दिशा में मोर पंख लगा लेना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय से व्यक्ति की आर्थिक तंगी धीरे-धीरे दूर होने लगती है और वह आर्थिक खुशहाली का सामना करने लगता है.
अगर आपके घर में वास्तु दोष बने हुए हैं तो आपको भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ मोर पंख सजाना चाहिए. साथ ही घर के मुख्य द्वार पर हमेशा साफ-सफाई रखनी चाहिए. ऐसा करने से जातक को लाभ होता है और उसके घर के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.