मैनपुरी : मैनपुरी के करहल में भाजपा ने जिस रणनीति के तहत अनुजेश यादव को चुनाव मैदान में उतारा, उसका असर देखने को मिला। करहल क्षेत्र के जिन बूथों पर भाजपा के एजेंट भी नजर नहीं आते थे, वहां इस चुनाव में बस्ते लगे नजर आए।

मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र में सपा प्रत्याशी के सामने सजातीय और सैफई परिवार के रिश्तेदार को मैदान में उतारकर भाजपा ने बड़ा दांव खेल दिया। सपा का गढ़ कहे जाने वाले कई क्षेत्र जहां वर्षों से भाजपा का एजेंट तो दूर बस्ता तक नहीं लग रहा था, वहां भी भाजपा प्रत्याशी अनुजेश ने बस्ता लगवाने के साथ ही एजेंट भी खड़े कर दिए। इसका असर चुनाव परिणाम पर नजर आ सकता है।

घिरोर और करहल ब्लॉक के कई गांव ऐसे थे जिन्हें सपा का गढ़ माना जाता है। इन गांव में आज तक कभी भाजपा का बस्ता नहीं लग सका था। लेकिन बुधवार को हुए करहल विधानसभा के उपचुनाव में यहां भाजपा का बस्ता लगा नजर आया। यही नहीं जिन बूथों पर भाजपा के एजेंट भी नजर नहीं आते थे उन बूथों पर भाजपा के एजेंट भी मुस्तैदी से खड़े नजर आए। रठेरा, नगला, उदी, भागपुर जैसे गांव में भाजपा प्रत्याशी का बस्ता लगा और एजेंट भी बने।

जानकारों की मानें तो भाजपा द्वारा इस चुनाव में सपा के सामने सजातीय और रिश्तेदार प्रत्याशी उतारने के कारण ही ऐसा संभव हुआ। यदि भाजपा की यह चाल सफल रहती है तो माना जा रहा है कि भाजपा का यह प्रयास भाजपा प्रत्याशी को मजबूती प्रदान करेगा और चुनाव के परिणाम को भी प्रभावित करेगा। हालांकि स्थिति मतगणना के बाद ही साफ होगी कि भाजपा का यह नया दांव कितना सफल रहा।