वाराणसी। भारतीय जल प्रबंधन संस्थान के वैज्ञानिकों ने खास तकनीक विकसित की है। इसके तहत मिट्टी के अंदर सेंसर लगाया जाएगा। सेंसर से कंट्रोलर बॉक्स से इंटरनेट पर जानकारी अपलोड होगी। जिससे स्मार्टफोन के जरिये फसलों की जरूरत की जानकारी मिलेगी।
अब किसान घर बैठे फसलों की सेहत का हाल जान सकेंगे। फसल को कितनी सिंचाई और नमी की जरूरत है, इसकी जानकारी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के जरिये मोबाइल पर मिल सकेगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की शाखा भारतीय जल प्रबंधन संस्थान (आईआईडब्ल्यूएम) भुवनेश्वर के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को विकसित किया है। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में लगे किसान मेले में आए वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को प्रदर्शित किया।
वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार नायक और डॉ. प्रतिभा साहू ने बताया कि आईओटी के जरिये फसल संबंधी जानकारी देने के लिए मिट्टी के अंदर सेंसर लगाया जाएगा। सेंसर से कंट्रोलर बॉक्स से इंटरनेट पर जानकारी अपलोड होगी। एक सेंसर से दो एकड़ की जमीन कवर हो सकेगी। डॉ. अजीत कुमार नायक ने बताया कि तकनीक का परीक्षण भुवनेश्वर के अलावा वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान और नेशनल रिसर्च सेंटर तमिलनाडु में सफल रहा है। अभी तीन और कृषि संस्थानों में परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा।
डॉ. अजीत कुमार नायक ने बताया कि इस तकनीक को विकसित करने में दो साल लगे। चार वैज्ञानिकों की टीम ने इसे तैयार किया। अब पेटेंट की प्रक्रिया चल रही है।