शुक्रवार की सुबह सठेडी गंगनहर पुल पर समाधान करने पहुंचे अधिकारियों का ग्रामीणों ने घेराव कर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची एसडीएम को ग्रामीणों ने पुल के आगे पीछे सडक बनने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराया। विभाग के अधिकारियों से ग्रामीणों की नोकझोंक भी हुई। ग्रामीणों ने सेतू निगम के अधिकारी को समस्या का समाधान कराए जाने के लिए ज्ञापन दिया। चेतावनी दी कि जब तक समाधान नहीं हो जाता है तब तक पुल से आवागमन नही करने दिया जायेगा।
अंग्रेजी शासन काल में बने गंगनहर पुल के जर्जर होने के बाद सेतू निगम की ओर से दूसरे पुल का निर्माण करीब छह करोड की लागत से कराया है। पुल का निर्माण कार्य तो पूरा हो गया लेकिन पुल से पहले व बाद बनने वाली सडक का निर्माण अधूरा होने से पुल से वाहनों का आवागमन नहीं हो रहा है। विभाग ने पुल से कई बार वाहनों का आवागमन कराएं जाने का प्रयास भी किया लेकिन हर बार ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया।
गुरूवार को सेतू निगम के अधिकारी फिर से पुल पर पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। घंटो चले हंगामे के बाद अधिकारी वापस लौट गएं। शुक्रवार की सुबह सेतू निगम के एई पी के जैन टीम के साथ फिर पुल पर पहुंचे। ग्रामीणों के विरोध के चलते एसडीएम अपूर्वा यादव भी मौके पर पहुंच गई। अधिकारी ने ग्रामीणों का समझाने का प्रयास किया लेकिन वो अपनी जिद पर अडे रहे। सडक का नियम अनुसार निर्माण न होने से ग्रामीणों ने अधिकारी को समस्याओं से अवगत कराया।
एसडीएम ने ग्रामीणों को समस्यां का जल्द समाधान कराएं जाने का आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया।ग्रामीणों ने सेतू निगम के एई को ज्ञापन भी दिया है, जिसमे उन्होने सडक का निर्माण नियमानुसार कराएं जाने की मांग की है, साथ ही चेतावनी दी है कि जब तक समस्यां का समाधान नहीं होगा तब तक पुल से वाहनों का आवागमन न