नई दिल्ली: प्रकाश का पर्व दिवाली का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की पूजा करने के साथ-साथ पूरे घर को दीपक और लाइटों से सजाया जाता है। धन- ऐश्वर्य देने वाला ये पर्व पूरे पांच दिनों को होता है। जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और समापन भाई दूज के साथ होता है। इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इसके साथ कई सालों बाद ऐसा हो रहा है कि इस साल एक दिन में ही दो-दो त्योहार मनाए जा रहे हैं। जानिए किस दिन कौन सा त्योहार जाएगा मनाया, साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त।

इस साल धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर, रविवार को मनाया जा रहा है। इस साल धनतेरस की तिथि के कारण इसे मनाने को लेकर काफी कंफ्यूजन है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति लाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन झाड़ू, सोना-चांदी, धनिया आदि चजें खरीदना शुभ माना जाता हैय़

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ – 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त – 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट तक

पूजन का शुभ मुहूर्त – 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक

प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक।

वृषभ काल: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक।

पंचांग के अनुसार, धनतेरस के अगले दिन यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिर के अलावा दक्षिण दिशा, नाली, शौचालय और घर के मुख्य द्वार में दीपक जलाना शुभ होता है। इसे छोटी दीपावली के नाम से भी जानते हैं। हर साल ये दिवाली के एक दिन पहले मनाते हैं लेकिन इस बार दो दिन तिथि होने के कारण 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू – 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से शुरू

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 07 मिनट तक

प्रकाश का पर्व दिवाली इस साल कार्तिक अमावस्या यानी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ-साथ मां सरस्वती, भगवान कुबेर की पूजा करने काविधान है। माना जाता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी धरती में ही होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि- 23 अक्टूबर 2 शाम 6 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट तक

कृष्ण पक्ष की अमावस्या- 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक

प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- 24 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक

अमृत काल मुहूर्त – 24 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक

विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 12 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक

आमतौर पर दिवाली के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा या अन्नकूटा पूजा की जाती है। लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अन्नकूट पूजा गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण से समर्पित है। इंद्रदेव का घमंड तोड़ने के लिए भगावन कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था। इसी कारण हर साल इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें चने की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है।

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट कर

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक

गोवर्धन पूजा मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 26 अक्टूबर सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक

भाई दूज 2022
गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली के पर्व का समापन हो जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं। इसके साथ ही कामना करती हैं कि उसके भाई की उम्र लंबी हो और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहे। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। इस बार भैया दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।

भाई दूज पूजा मुहूर्त – 26 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक

कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से शुरू

कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।