नई दिल्ली : दिल्ली में मासूमों की सौदेबाजी को लेकर सीबीआई ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। चंद पैसों के लिए नवजातों की खरीद-फरोख्त को अंजाम दिया जा रहा था। इस काम में अस्तपतालों में काम करने वाले भी अपनी भूमिका निभा रहे थे। इनके तरीके के बारे में जानकर हर कोई हैरान है।
सीबीआई ने शनिवार को दिल्ली में एक बड़े बच्चा चोर गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में संलिप्त सात लोगों को सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार भी किया है। ये गैंग चोरी किए गए बच्चों को सोशल मीडिया पर विज्ञापन के माध्यम से निःसंतान माता-पिता को बेचते थे।
सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि हमें इनपुट मिले थे इसी आधार पर हमारी टीम ने हरियाणा और दिल्ली के सात ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन में हमें एक डेढ़ दिन तो दूसरा 15 दिन के दो नवजात मिले। यह गिरोह इन्हें बेचने की फिराक में था।
जिन सात आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है उनकी पहचान सोनीपत के नीरज, दिल्ली के पश्चिम विहार की इंदु, पटेल नगर का अस्लम, कन्हैया नगर की पूजा कश्यप, माल्विय नगर की अंजली, कविता और रितू के तौर पर हुई है।
पकड़े गए आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि यह लोग बच्चों को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया करते थे। आमतौर पर ये फेसबुक पेज, व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देकर गोद लेने वाले इच्छुक निःसंतान दंपत्तियों से संपर्क किया करते थे।
अधिकारी ने बताया कि ये वास्तविक माता-पिता और सरोगेट माताओं से भी बच्चा खरीदकर निःसंतान दंपत्तियों को बेचा करते थे। एक नवजात की कीमत चार से छह लाख रुपये होती थी। इन्होंने कई निःसंतान माता-पिता के साथ लाखों रुपये की ठगी भी की है। तलाशी के दौरान इनके पास से साढ़े पांच लाख रुपये कैश और गोद लेने से संबंधित कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं।