ग्वालियर : किसी को पाने की जिद जब पागलपन बन जाए तो अक्सर खूनी खेल की शुरुआत होती है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में भी ऐसा ही एक खूनी खेल खेला गया। इसकी साजिश करीब एक महीने पहले रच ली गई थी। इस खूनी खेल में तीन लोग शामिल थे, एक महिला, उसका प्रेमी और मौसेरा भाई… इनकी साजिश जो अंजान था वो था महिला का पति जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। युवक को किसी और ने नहीं, उसकी पत्नी ने ही गला दबाकर मार दिया, जो करीब चार साल से उसके साथ रह रही थी। क्योंकि, अब उसे पति पसंद नहीं आ रहा था, उसे अपने पति के दोस्त से प्यार हो गया था, जिसके पास ज्यादा पैसे थे। आइए, अब सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं इस खूनी खेल की खौफनाक कहानी…

दरअसल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक पत्नी ने अपने नाबालिग भाई के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। इससे पहले उसने पति के साथ फ्राइड फिश खाई और बीयर पिलाई थी। पति के नशे में होने के बाद पत्नी ने उसकी छाती पर बैठकर गला घोंट दिया। यह घटना 19 सिंतबर की है।

गिरवाई नाका इलाके में रहने वाले 24 साल के लोकेंद्र कुशवाह का शव उसके घर में मिला था। परिजन उसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, लेकिन इस दौरान उनकी नजर लोकेंद्र के गले पर बने उंगलियों के निशान पर पड़ी, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उसकी पत्नी अंजली और उसके भाई से पूछताछ की। इस दौरान 23 साल की अंजली ने पति लोकेंद्र की हत्या करना कबूल किया। अंजलि ने अपने प्रेमी के साथ रहने के लिए लोकेंद्र को मौत के घाट उतरा, पकड़े जाने पर प्रेमी गौरव का नाम नहीं आए, इसके लिए उसे वारदात से करीब 15 दिन पहले नौकरी के लिए केरल भेज दिया। आरोपियों ने करीब एक महीने पहले क्राइम सीरियल देखकर वारदात की साजिश रची थी। पुलिस ने मृतक लोकेंद्र की पत्नी, प्रेमी और मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरवाई थाना पुलिस के अनुसार लोकेंद्र और अंजलि की शादी 2020 में हुई थी। दोनों के कोई संतान नहीं थी। लोकेंद्र एक प्राइवेट नौकरी कर घर खर्च चला रहा था। लोकेंद्र की गिरवाई नाका इलाके में ही रहने वाले गौरव कुशवाह से दोस्ती थी। गौरव का लोकेंद्र के घर आना-जाना लगा रहता था। इससे अंजलि और उसकी जान पहचान हो गई, जिसके बाद दोस्ती हुई जो फिर प्यार में बदल गई।

गौरव आर्थिक रूप से भी संपन्न था, अंजलि के कहने पर वह उसकी छोटी-मोटी डिमांड भी पूरी कर देता था। अंजलि और गौरव का प्यार लगतार परवान चढ़ रहा था, वह लोकेंद्र के नहीं होने पर भी उसके घर आने लगा था। दोनों के बीच के रिश्ते की भनक लोकेंद्र को लगी तो उसने गौरव से घर आने के लिए साफ इनकार कर दिया। इससे नाराज गौरव ने अंजली से कहा कि जब तक लोकेंद्र रहेगा, तब तक वह उसके घर नहीं आएगा। इसके बाद दोनों ने उसे रास्ते से हटाने का मन बना लिया था।

लोकेंद्र को कैसे मारना है यह जानने के लिए अंजलि ने क्राइम सीरियल देखना शुरू किए। अंजलि और गौरव ने करीब एक महीने पहले उसकी हत्या करने की साजिश रची। लोकेंद्र की मौत का इल्जाम गौरव पर नहीं आए, इसके लिए अंजलि ने करीब 15 दिन पहले उसे जॉब के लिए केरल भेज दिया। 19 सितंबर की रात लोकेंद्र की आखिरी रात थी। इससे पहले अंजलि ने पति के लिए फ्राइड फिश बनाकर खिलाई और उसके साथ बीयर पार्टी की। लोकेंद्र के नशे में होने के बाद अंजिल के मौसेरे भाई नंदू ने जीजा के हाथ पकड़े और फिर वह खुद उसकी छाती पर बैठ गई और गला दबाना शुरू किया। अंजलि लोकेंद्र का गला तब तक दबाती रही, जब उसका शरीर शांत नहीं पड़ गया।

एसपी आरके सगर ने बताया कि 19 सितंबर को अंजलि का मौसेरा भाई नंदू उसके घर आया था। घर में लोकेंद्र, अंजलि, ससुर नंदलाल और नंदू ही थे। देर शाम को ससुर घर पहुंचे तो अंजलि ने ससुर से कहा कि लोकेंद्र के सिर में दर्द हो रहा है, उनके लिए दवा ला दें। मुझे कुछ देर में जीजा के घर जाने के लिए निकलना है। बहू के कहने पर नंदलाल दवा लेने चले गए। जब वह घर लौटे तो घर में बहू और उसका भाई नहीं था, लाइट भी बंद थी। वह लोकेंद्र के कमरे में गए तो वह लेटा हुआ था, पिता ने उसे जगाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठा।

कोई हलचल नहीं होने पर नंदलाल ने पड़ोसियों को बुलाया और उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने लोकेंद्र को मृत घोषित कर दिया। परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे, इस दौरान चचेरे भाई दिनेश कुशवाह को लोकेंद्र कुशवाह के गले पर नाखून और उंगलियों के निशान देखे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। शॉट पीएम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करने की बात सामने आई। पुलिस ने जांच कर इस हैरान कर देने वाली कहानी का खुलासा किया।