नई दिल्ली। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है। इस त्योहार को गुजरात में उत्तरायण, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के राशि परिवर्तन के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश कर जाते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है I वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन साल 2023 में मकर संक्रांति की सही तिथि को लेकर थोड़ा संशय है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आने वाले साल में मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी…
हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है। ऐसे में मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें। फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इस दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें। इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें।
मकर संक्रांति के दिन पानी में काली तिल और गंगाजल मिला कर स्नान करें। इससे सूर्य की कृपा होती है और कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। ऐसा करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा मिलती है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं।